पाकिस्तान आज दुनिया के लिए नासूर है और इसके जनक जिन्ना ही है : योगी आदित्यनाथ
1. उठो,जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य को प्राप्त ना हो जाए ।
2. पढऩे के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।
3. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है,मनुष्यकेवल उसका आविष्कार करता है।
4. जब तक जीना,तबतक सीखना,अनुभवही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकहै।
5. पवित्रता,धैर्यऔर उद्यम-येतीनों गुण मैं एक साथ चाहताहूं।
6. लोगतुम्हारी स्तुति करें यानिन्दा,लक्ष्यतुम्हारे ऊपर कृपालु हो या नहो, तुम्हारादेहांत आज हो या युग में,तुमन्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
1. उठो,जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य को प्राप्त ना हो जाए ।
2. पढऩे के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।
3. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है,मनुष्यकेवल उसका आविष्कार करता है।
4. जब तक जीना,तबतक सीखना,अनुभवही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकहै।
5. पवित्रता,धैर्यऔर उद्यम-येतीनों गुण मैं एक साथ चाहताहूं।
6. लोगतुम्हारी स्तुति करें यानिन्दा,लक्ष्यतुम्हारे ऊपर कृपालु हो या नहो, तुम्हारादेहांत आज हो या युग में,तुमन्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
बाजीराव पेशवा ने बनवाया था यह मंदिर, ऐसी है इस मंदिर की खासियत
7. जिससमय जिस काम के लिए प्रतिज्ञाकरो, ठीकउसी समय पर उसे करना ही चाहिये,नहींतो लोगो का विश्वास उठ जाताहै। 8. जब तक आप खुद पे विश्वास नहींकरते तब तक आप भागवान पे विश्वासनहीं कर सकते।
9. एक समय में एक काम करो,औरऐसा करते समय अपनी पूरी आत्माउसमे डाल दो और बाकी सब कुछभूल जाओ।
10. जितनाबड़ा संघर्ष होगा जीत उतनीही शानदार होगी।
11. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बलहो, तुमएक अमर आत्मा हो,स्वच्छंदजीव हो,धन्यहो, सनातनहो, तुमतत्व नहीं हो,नाही शरीर हो,तत्वतुम्हारा सेवक है तुम तत्वके सेवक नहीं हो।
12. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले सेहमारी हैं। वो हम हैं जो अपनीआंखों पर हाथ रख लेते हैं औरफिर रोते हैं कि कितना अंधकारहै!
7. जिससमय जिस काम के लिए प्रतिज्ञाकरो, ठीकउसी समय पर उसे करना ही चाहिये,नहींतो लोगो का विश्वास उठ जाताहै। 8. जब तक आप खुद पे विश्वास नहींकरते तब तक आप भागवान पे विश्वासनहीं कर सकते।
9. एक समय में एक काम करो,औरऐसा करते समय अपनी पूरी आत्माउसमे डाल दो और बाकी सब कुछभूल जाओ।
10. जितनाबड़ा संघर्ष होगा जीत उतनीही शानदार होगी।
11. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बलहो, तुमएक अमर आत्मा हो,स्वच्छंदजीव हो,धन्यहो, सनातनहो, तुमतत्व नहीं हो,नाही शरीर हो,तत्वतुम्हारा सेवक है तुम तत्वके सेवक नहीं हो।
12. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले सेहमारी हैं। वो हम हैं जो अपनीआंखों पर हाथ रख लेते हैं औरफिर रोते हैं कि कितना अंधकारहै!
makar sankranti 2020 : तिल गुड़ से बने लड्डू और गजक की घुली महक
13.जिस तरह से विभिन्न स्त्रोतों सेउत्पन्न धाराएं अपना जल समुद्रमें मिला देती हैं,उसीप्रकार मनुष्य द्वारा चुनाहर मार्ग,चाहेअच्छा हो या बुरा भगवान तकजाता है।
14. किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं,तो जरूर बढ़ाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोडि़ए,अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिए और उन्हें उनके मार्ग पर जानेदीजिए।
15. कभी मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछअसंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है,तो वो यही है; येकहना कि तुम निर्बल हो या अन्यनिर्बल हैं।
16. अगर धन दूसरों की भलाई करने मेंमदद करे,तो इसका कुछ मूल्य है,अन्यथा,ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।
13.जिस तरह से विभिन्न स्त्रोतों सेउत्पन्न धाराएं अपना जल समुद्रमें मिला देती हैं,उसीप्रकार मनुष्य द्वारा चुनाहर मार्ग,चाहेअच्छा हो या बुरा भगवान तकजाता है।
14. किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं,तो जरूर बढ़ाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोडि़ए,अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिए और उन्हें उनके मार्ग पर जानेदीजिए।
15. कभी मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछअसंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है,तो वो यही है; येकहना कि तुम निर्बल हो या अन्यनिर्बल हैं।
16. अगर धन दूसरों की भलाई करने मेंमदद करे,तो इसका कुछ मूल्य है,अन्यथा,ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।