पुलिस के मुताबिक विवेक कुछ साल पहले सत्यम के घर रहकर पढ़ता था, लेकिन सत्यम के पिता जयपाल सिंह को उसकी हरकतों पर शक हुआ तो उन्होंने विवेक का घर में घुसना बंद कर दिया। लंबे अर्से तक वह उनके परिवार से दूर रहा। करीब छह महीने पहले सत्यम को अत्येन्द्र गुर्जर सहित कुछ लडक़ों ने आदित्यपुरम की पहाडिय़ों में बंधक बनाकर पैसे मांगे तो उसका परिवार घबरा गया। उनकी मदद करने के बहाने राहुल उर्फ विवेक का उनके घर में आना जाना शुरू हो गया।
सत्यम को मारने के बाद विवेक चार दिन तक उसके परिवार के साथ रोज गोला का मंदिर थाने जाकर पुलिस पर उसे तलाशने का दवाब बनाता रहा। सत्यम के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली तो सबसे ज्यादा बात विवेक से ही सामने आई। लास्ट सीन में भी वह सत्यम के साथ था तो उस पर शक हुआ। हत्यारोपी भी भांप गया कि पुलिस उसे पकड़ सकती है तो बचने के लिए सत्यम के परिवार पर दवाब बनाया। विवेक ने सत्यम के परिजन से कहा कि कोचिंग के पास लगे सीसीटीवी में एक लडक़ा साइकिल पर जाता दिखा है, उसे पहचान लें कि वह सत्यम है तो वह बच सकता है। यह बात सामने आने पर उन्हें भी शक हुआ कि सत्यम को अगवा करने में विवेक का ही हाथ है।
आरोपी विवेक उर्फ राहुल और उसके भांजे सुमित को पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है, क्योंकि सत्यम हत्याकांड में विवेक कुछ और नाम भी गिना रहा है। पुलिस की परेशानी यह है कि आरोपी जो खुलासा कर रहा है उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, इसलिए पुलिस की थ्योरी बार-बार बदल रही है। दो दिन के रिमांड में पुलिस हत्यारोपियों से और कई बातों का खुलासा करेगी।