कलरफुल लाइटिंग से जगमग होगा मंदिर
मंच की सुंदरता को बढ़ाने के लिए खास लाइटिंग का प्रबंध किया जाएगा। इसमें कई कलर की एलईडी लाइट का कॉम्बीनेशन रहेगा, जो लाल रंग की छटा से परिसर की गरिमा को बढ़ाएगा। इस मंच के आगे बैठकर कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। थीम बेस्ड मंच तैयार करने का कॉन्सेप्ट 2014 से शुरू किया गया था। अभी तक कई मॉन्युमेंट्स पर मंच तैयार किया जा चुका है।
मंच की सुंदरता को बढ़ाने के लिए खास लाइटिंग का प्रबंध किया जाएगा। इसमें कई कलर की एलईडी लाइट का कॉम्बीनेशन रहेगा, जो लाल रंग की छटा से परिसर की गरिमा को बढ़ाएगा। इस मंच के आगे बैठकर कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। थीम बेस्ड मंच तैयार करने का कॉन्सेप्ट 2014 से शुरू किया गया था। अभी तक कई मॉन्युमेंट्स पर मंच तैयार किया जा चुका है।
1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था
तानसेन समाधि स्थल पर डोम बनाए जाने का काम शुरू हो चुका है। यह डोम 140 बाय 150 फीट का होगा, जिसमें एक साथ 1500 लोग बैठ सकेंगे। छोटे-छोटे कई डोम बनाए जाएंगे, जिसमें कलाकार ठहर सकेंगे। डोम के अंदर के साथ ही बाहर गेट तक तानसेन समारोह का प्रचार प्रसार होगा। संगीत समारोह के पहले दिन शुभारंभ अवसर पर संगीतविद् डॉ?. विद्याधर व्यास को राष्ट्रीय तानसेन एवं हेग्गोडु कर्नाटक की संस्था निनासम को राजा मानसिंह तोमर सम्मान से विभूषित किया जाएगा।
तानसेन समाधि स्थल पर डोम बनाए जाने का काम शुरू हो चुका है। यह डोम 140 बाय 150 फीट का होगा, जिसमें एक साथ 1500 लोग बैठ सकेंगे। छोटे-छोटे कई डोम बनाए जाएंगे, जिसमें कलाकार ठहर सकेंगे। डोम के अंदर के साथ ही बाहर गेट तक तानसेन समारोह का प्रचार प्रसार होगा। संगीत समारोह के पहले दिन शुभारंभ अवसर पर संगीतविद् डॉ?. विद्याधर व्यास को राष्ट्रीय तानसेन एवं हेग्गोडु कर्नाटक की संस्था निनासम को राजा मानसिंह तोमर सम्मान से विभूषित किया जाएगा।
सूर्य मंदिर के बारे में
सूर्य मंदिर 20वीं शताब्दी का आधुनिक मंदिर है, जो कोर्णार्क के सूर्य मंदिर के प्रतिकृति को दर्शाता है। इसका निर्माण 1988 में किया गया। यह 4 साल 4 दिन में तैयार हुआ। मंदिर में भगवान सूर्य का विशेष अवतार दिखाया गया है, इस मंदिर की विशेषता यह है कि सूर्योदय के साथ ही पहली किरण मंदिर के अंदर पहुंचती है। इस मंदिर का निर्माण एक रथ के आकार में किया गया है। इसमें लगे पत्थर पिंक कलर के हैं। यहां सूर्योदय से सूर्यास्त तक भ्रमण किया जा सकता है। यह बिड़ला परिवारद्वारा बनाया गया।
सूर्य मंदिर 20वीं शताब्दी का आधुनिक मंदिर है, जो कोर्णार्क के सूर्य मंदिर के प्रतिकृति को दर्शाता है। इसका निर्माण 1988 में किया गया। यह 4 साल 4 दिन में तैयार हुआ। मंदिर में भगवान सूर्य का विशेष अवतार दिखाया गया है, इस मंदिर की विशेषता यह है कि सूर्योदय के साथ ही पहली किरण मंदिर के अंदर पहुंचती है। इस मंदिर का निर्माण एक रथ के आकार में किया गया है। इसमें लगे पत्थर पिंक कलर के हैं। यहां सूर्योदय से सूर्यास्त तक भ्रमण किया जा सकता है। यह बिड़ला परिवारद्वारा बनाया गया।
पांच वर्षों में यह रही थीम
2014
मिनिएचर पेंटिंग
2015
मितावली
2016
सहस्त्रबाहु मंदिर
2017
बटेश्वर
2018
चौसठ योगिनी सूर्य मंदिर की प्रतिकृति रहेगी आकर्षण का केन्द्र
उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर राहुल रस्तोगी ने बताया कि संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ के सुझाव पर इस बार ग्वालियर के सूर्य मंदिर थीम पर तानसेन समारोह का मंच तैयार किया जा रहा है, जिस पर काम गुरुवार से शुरू हो जाएगा। कलरफुल लाइटिंग में सूर्य मंदिर की प्रतिकृति आकर्षण का केन्द्र रहेगी।