हजार रुपए देकर खरीदारी करने भेजा
धीरेन्द्र ने पुलिस को बताया तांत्रिक ने जो रकम दी उससे खरीदारी की। नोट असली थे। 6 दिन पहले दोस्त पुरुषोत्तम ने घर आकर उनसे कहा कि तांत्रिक शहर के बाहर जा रहे हैं। उससे पहले रकम दोगुनी करवा लो। फिर वह 3 लाख रुपए लेकर गए बाबा ने उन्हें एक बैग पकड़ा दिया यहां नहीं घर पर खोलन वह भी हम आकर खोलेंगे।
गायब हो गए ठग
पुलिस के मुताबिक दो दिन धीरेन्द्र ने इंतजार किया लेकिन तांत्रिक नहीं आया पुरुषोत्तम को फोन किया। ठगों ने मुहूर्त की कह बैग बाद में खोलने का झांसा दिया। शक होने पर धीरेन्द्र ने ताला तोड़ा तो उसमें साबुन, मिट्टी के ढेले, अगरबत्ती, पापड़, मच्छर मारने की अगरबत्ती थी।