जिलाध्यक्ष डॉ. नरेश सिंह सिकरवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सिकरवार ने कहा कि राज्य शासन ने शिक्षण सत्र 2019-2020 की स्थानांनतण नीति के तहत थोक में स्थानान्तण किए गए। इससे उत्पन्न अव्यवस्थाओं से सरकार उबर भी नहीं पाई थी कि 15 से 23 नवंबर तक प्रशासकीय स्थानांतण करने की छूट जिला अधिकारियों को प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से दे दी गई है। शिक्षक संघ ने बीच सत्र में तबादलों की अनुमति पर विरोध करने का निर्णय लिया है। रविवार को पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित जिला कार्यालय पर आयोजित बैठक में विमलेश यादव, रामअवतार सिंह सिकरवार, उमेश पाठक, नरेंद्र सिकरवार, रामावतार मुद्रावजा, देवेंद्र सिकरवार, नारायण लाल, जगदीश शर्मा, राघवेंद्र शर्मा, रामसेवक शर्मा, रघुराज परमार, डॉ. हरेंद्र तोमर, रामस्नेही शर्मा, टीआर मांडिल, महेश कुमार गुप्ता, सतंजय मिश्रा, रामबाबू त्यागी आदि मौजूद रहे।
364 के होने हैं तबादले
प्रभारी मंत्री ने 20 जुलाई को कलेक्टर को लिखे गए पत्र में 364 शिक्षकों के तबादलों के प्रस्ताव हैं। प्रस्ताव कांग्रेस के विधायकों, संगठन के पदाधिकारियों और पार्टी के निष्कासित नेताओं द्वारा दिए हैं। 32 पृष्ठ की सूची कलेक्टर को भेजकर प्रभारी मंत्री ने सूची में शामिल शिक्षकों के स्थानांतरण प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए थे।
कलेक्टर ने उस दौरान शिक्षा व्यवस्था न बिगड़े इसलिए उक्त पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया था। अब इस रास्ते को सरकार ने ही खोल दिया है। प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर अधिकारी 15 से 23 नवंबर के बीच तबादले कर पोर्टल पर सूची जनरेट कर कलेक्टर के माध्यम से किए जाने हैं। तबादलों की कवायद में जुटे अधिकारियों ने इन दिनों मोबाइल कॉल रिसीव करने में एहतियात बरतना शुरू कर दी है।