वर्कशॉप से जुड़ कई आर्टिस्ट कर चुके वेब सीरीज
लगभग 70 साल पहले नाट्य मंदिर की स्थापना हुई। उस समय रंगमंच का बहुत के्रज था। क्योंकि एंटरटेनमेंट का साधन केवल रंगमंच ही था। बीच में कलाकारों का रंगमंच से दूरी दिखी, लेकिन आज युवा एक बार फिर से रंगमंच से जुडकऱ बॉलीवुड की ओर रुख करना चाहता है। इसके लिए हम उन्हें रंगमंच की बारीकियां सिखा रहे हैं। आर्टिस्ट्स कंबाइन इंस्टीटïयूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट से हम युवाओं को जोडऩे अधिकतर वर्कशॉप करते हैं, जो आर्टिस्ट वर्कशॉप में भाग लेते हैं, वही मंचन भी करते हैं। हमारे छात्र कई वेब सीरीज कर चुके हैं।
संजय लघाटे, सचिव, आर्टिस्ट्स कंबाइन
लगभग 70 साल पहले नाट्य मंदिर की स्थापना हुई। उस समय रंगमंच का बहुत के्रज था। क्योंकि एंटरटेनमेंट का साधन केवल रंगमंच ही था। बीच में कलाकारों का रंगमंच से दूरी दिखी, लेकिन आज युवा एक बार फिर से रंगमंच से जुडकऱ बॉलीवुड की ओर रुख करना चाहता है। इसके लिए हम उन्हें रंगमंच की बारीकियां सिखा रहे हैं। आर्टिस्ट्स कंबाइन इंस्टीटïयूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट से हम युवाओं को जोडऩे अधिकतर वर्कशॉप करते हैं, जो आर्टिस्ट वर्कशॉप में भाग लेते हैं, वही मंचन भी करते हैं। हमारे छात्र कई वेब सीरीज कर चुके हैं।
संजय लघाटे, सचिव, आर्टिस्ट्स कंबाइन
नाटक ‘सूर्य पुत्र, मृगनयनी’ से दिलाया मंच
सन् 1984 में स्थापित कला समूह अभी तक बॉलीवुड को कई कलाकार दे चुका है। मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की मदद से चलने वाले कोर्स में शहर एवं बाहर के युवा रंगमंच की विधाएं सीखते हैं। यहां जो आर्टिस्ट सीखते हैं, उन्हें नाटक में भी परफॉर्म करना होता है। कोर्स पूरा करने के बाद उनका अभिनय बोलता है। कला समूह द्वारा अभी तक कई नाटक तैयार किए गए हैं, जिनमें सूर्य पुत्र, मृगनयनी आदि शामिल हैं। इनका मंचन देशभर में हो चुका। इनमें नए कलाकारों को भी मौका दिया गया। आर्टिस्ट को गाइड करने काउंसलिंग सेशन भी चल रहा है।
होजाई गम्बा सिंह, सचिव, कला समूह
सन् 1984 में स्थापित कला समूह अभी तक बॉलीवुड को कई कलाकार दे चुका है। मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की मदद से चलने वाले कोर्स में शहर एवं बाहर के युवा रंगमंच की विधाएं सीखते हैं। यहां जो आर्टिस्ट सीखते हैं, उन्हें नाटक में भी परफॉर्म करना होता है। कोर्स पूरा करने के बाद उनका अभिनय बोलता है। कला समूह द्वारा अभी तक कई नाटक तैयार किए गए हैं, जिनमें सूर्य पुत्र, मृगनयनी आदि शामिल हैं। इनका मंचन देशभर में हो चुका। इनमें नए कलाकारों को भी मौका दिया गया। आर्टिस्ट को गाइड करने काउंसलिंग सेशन भी चल रहा है।
होजाई गम्बा सिंह, सचिव, कला समूह
युवाओं को पेशेंस रखना होगा, पहले थिएटर सीखें
मैं पिछले कई साल से रंगमंच से युवाओं को जोडऩे के लिए प्रयासरत हूं। अभी कुछ माह पहले ही शहर की पहली रेजीडेंशियल वर्कशॉप हुई, जिसमें उन्हें रंगमंच की बारीकियां सिखाई गईं। इसके पश्चात कलाकारों ने अभिनय भी किया। आज के दौर में युवा जल्दी सफलता पाना चाहता है। वह एक महीने के अभिनय के बाद सोचता है कि मुझे कोई वेब सीरीज मिल जाए, जबकि अभी सीखी गईं चीजें जीवन भर काम आने वाली हैं। इसलिए युवा जल्दबाजी ने करें। गीतांजली गिरवाल, सचिव, वुमन थिएटर
मैं पिछले कई साल से रंगमंच से युवाओं को जोडऩे के लिए प्रयासरत हूं। अभी कुछ माह पहले ही शहर की पहली रेजीडेंशियल वर्कशॉप हुई, जिसमें उन्हें रंगमंच की बारीकियां सिखाई गईं। इसके पश्चात कलाकारों ने अभिनय भी किया। आज के दौर में युवा जल्दी सफलता पाना चाहता है। वह एक महीने के अभिनय के बाद सोचता है कि मुझे कोई वेब सीरीज मिल जाए, जबकि अभी सीखी गईं चीजें जीवन भर काम आने वाली हैं। इसलिए युवा जल्दबाजी ने करें। गीतांजली गिरवाल, सचिव, वुमन थिएटर