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ग्वालियर

टैक्नीशियन मौजूद नहीं, धूल खा रही मशीनें, ऐसे में उद्यमी कहां कराएं परीक्षण

– बिरला नगर औद्योगिक क्षेत्र में बने एमएसएमई सेंटर (टूल रूम वर्कशॉप) के हाल बुरे

ग्वालियरFeb 20, 2020 / 11:47 pm

Narendra Kuiya

टैक्नीशियन मौजूद नहीं, धूल खा रही मशीनें, ऐसे में उद्यमी कहां कराएं परीक्षण

टैक्नीशियन मौजूद नहीं, धूल खा रही मशीनें, ऐसे में उद्यमी कहां कराएं परीक्षण

ग्वालियर. औद्योगिक विकास के लिए एमएसएमई (सूक्ष्म मध्यम एवं लघु उद्यम) विभाग की ओर से बनाया गया एमएसएमई सेंटर (टूल रूम वर्कशॉप) इन दिनों बदहाली का शिकार बना हुआ है। 30 साल पुरानी चलन से बाहर हो चुकी मशीनों व बिना इंचार्ज, बिना टेक्नीशियन के ही सेंटर को चलाया जा रहा है। बिरलानगर औद्योगिक क्षेत्र में करीब 45 साल पहले स्थापित यह सेंटर न मौजूदा उद्योगों के लिए मददगार साबित हो रहा है और न नए उद्योगों के लिए युवाओं को प्लानिंग देने में कोई भूमिका अदा कर रहा है। क्षेत्र के उद्यमी कई बार सेंटर को अपग्रेड करने की मांग कर चुके हैं, मगर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
हालात : 1972-73 में स्थापित इस सेंटर में पिछले कई दशकों से कोई नई मशीन नहीं लगाई गई। यहां 30 साल पुरानी मशीन तकनीक और समय के साथ चलन से बाहर हो चुकी है। मशीनें धरोहर की तरह शो पीस बना कर रखी हुई है और टेक्नीशियन एक भी नहीं है। एक टेक्नीशियन द्वारका प्रसाद थे जो कि 31 जुलाई 2018 को रिटायर हो गए और यहां के इंचार्ज असिस्टेंट डायरेक्टर बीआर चाढ़ोकर जून 2018 में सेवानिवृत्त हो गए अब इस सेंटर में सिर्फ दो कर्मचारी काम कर रहे हैं।
परेशानी : उद्योगों द्वारा इस सेंटर में मेटल टेस्टिंग कराई जाती थी। मटेरियल की क्वालिटी व अन्य जानकारी प्रमाणित हो जाती थी। जिप प्लेट का काम होता था। अब हालत यह है कि उद्योगों को इन कामों के लिए दिल्ली व दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। जिस कारण उद्यमियों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। मटेरियल भेजने टेस्ट रिपोर्ट तैयार होने और प्लेट आदि तैयार कराने के लिए अधिक समय लगने लगा है साथ ही खर्च भी बढ़ गया है।
इच्छा शक्ति की कमी है
हर उद्योग में जॉब बनाने के लिए टूल रूम की जरूरत होती है। ये इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा हिस्सा है। इसके नहीं होने के कारण उद्यमियों को दिल्ली तक जाना पड़ता है। शहर में आने वाली कोई भी नई इंडस्ट्री सबसे पहले टूल रूम को ही देखती है। इसके नहीं होने से हम औद्योगिक पिछड़ेपन की ओर जा रहे हैं। इसे तुरंत चालू कराया जाना चाहिए। इसके लिए इच्छा शक्ति की जरूरत है।
– आशीष वैश्य, सचिव, श्यामा प्रसाद औद्योगिक क्षेत्र
अपग्रेड किया जाना जरूरी
एमएसएमई सेंटर को अपग्रेड किया जाना जरूरी है, ताकि इसका लाभ उद्योगों और युवा उद्यमियों को मिल सके। नई तकनीक की मशीनों के साथ इस सेंटर को शुरू किया जाए। इससे उद्यमियों को समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
– जगदीश मित्तल, सचिव, ग्वालियर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
मंत्रालय को भेजी है रिपोर्ट
एमएसएमई सेंटर (टूल रूम वर्कशॉप) के लिए तकनीकी स्टाफ मौजूद नहीं है। इसके लिए हमने एमएसएमई मंत्रालय को लिखा हुआ है। अप्रैल माह तक उसकी नियुक्ति करने के बाद इसे फिर से प्रारंभ कर दिया जाएगा।
– आर के मोहनानी, प्रभारी असिस्टेंट डायरेक्टर, एमएसएमई विकास संस्थान
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