दंत चिकित्सकों के अनुसार आजकल धूम्रपान, अनहेल्दी पदार्थों के सेवन से, शीतल पेय के ज्यादा सेवन से, दांतों की नियमित सफाई न करने के कारण, कब्जियत, गर्म-ठंडे पदार्थों का साथ में सेवन आदि के कारण भी इस तरह की समस्या ज्यादा हो रही है।
सूत्र बताते हैं कि ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में विभिन्न शासकीय व निजी दांतों के अस्पतालों में रोजाना दांतों की बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों खासकर बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। ग्वालियर में चार सौ से पांच सौ, भोपाल शहर में रोजाना पांच सौ से छह सौ, जबलपुर में साढ़े चार सौ और इंदौर में प्रतिदिन चार सौ से पांच सौ दांतों के मरीज इलाज कराने अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
बताया जाता है कि बच्चों का टॉफी खाना, बिस्किट, पिज्जा, बर्गर, मीठे पेय पदार्थों के ज्यादा सेवन के बाद दांतों की ठीक प्रकार से साफ-सफाई न होने के कारण दांतों की समस्याओं से जूझते नजर आ रहे हैं। वर्ष भर का आंकड़ा देखें तो प्रति वर्ष ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में एक लाख से ज्यादा दांतों के मरीज इलाज कराने आता है, जबकि देश में यह आंकड़ा तीस लाख से ऊपर है।
ये रखें सावधानी
डेंटल मेडिकल कॉलेज भोपाल के विभागाध्यक्ष डॉ.राकेश पांडेय के अनुसार मरीज यदि जरा सी सावधानी रखे तो उसके दांत लंबे समय तक सुरक्षित रह सकते हैं।
-रोजाना दांतों की सफाई करें।
-मदिरा, तंबाकू युक्त पदार्थों का सेवन न करें।
-मीठे, शीतल पेय पदार्थ कम लें व समय-समय पर दांतों के डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।
-भोजन के अतिरिक्त नीबू, मूली, अनार, जामुन, मूंगफली का भी सेवन करते रहें।
-तनाव कतई न लें, इससे आपकी दांतों की सेहत प्रभावित होती है।