एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने बांग्लादेशी आंतकी संगठन जमात ए मुजाहिदीन के सदस्यों को राजधानी भोपाल से रविवार तड़के 3 बजे गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद सोमवार को ही एटीएस ने ग्वालियर में छापेमारी करते हुए ग्वालियर के अवाड़पुरा में खजांची बाबा की दरगाह के पास से एक युवक को उठाया है। बताया जा रहा है संदिग्ध युवक अपना नाम बदलकर यहां रह रहा था। एटीएस की टीम की कार्रवाई की भनक ग्वालियर पुलिस को भी नहीं लगी। आतंकियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस, इंटेलीजेंस अलर्ट मोड़ पर हैं।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पकड़े गए आतंकियों को सोमवार की सुबह एटीएस ने कोर्ट में पेश कर दिया, यहां से कोर्ट द्वारा 28 मार्च तक के लिए चारों को रिमांड पर भेज दिया है। खास बात ये है कि, रविवार रात को 3 बजे भोपाल के ऐशबाग और करोंद इलाके में आई एटीएस की टीम के 20 सदस्यों ने आतंकियों को दबोचकर कब ले गई, इस संबंध में पुलिस को भनक तक नहीं लगी। मामले का खुलासा खुद एटीएस ने करीब 12 घंटे बाद किया।
ATS के अनुसार, पकड़े गए आरोपी बांग्लादेश से भोपाल आए स्लीपर सेल हैं। उनके पास से भारी मात्रा में जिहादी साहित्य के साथ साथ आतंकी गतिविधियों से जुड़ा काफी सामान मिला है। पकड़े गए आतंकियों के पास से एटीएस को इतना सामान मिला है कि, टीम को उन्हें इकट्ठा कर ले जाने के लिए बोरों की जरूरत पड़ी है। एटीएस के अनुसार, भोपाल में रहकर पकड़े गए आतंकी ऊपर से आदेश आने का इंतजार कर रहे थे। आदेश मिलते ही ये एक्टिव हो सकते थे।
ATS द्वारा की गई कारर्वाई के तहत 32 वर्षीय फजहर अली उर्फ मेहमूद पुत्र अशरफ इस्लाम, 24 वर्षीय मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पुत्र नूर अहमद शेख, 28 वर्षीय जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पुत्र शाहिद पठान और 30 वर्षीय फजहर जैनुल आबिदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पुत्र अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है।
डेढ़ साल से रह रहे थे आतंकी
एटीएस द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के बाद खुलासा किया है कि, पकड़े गए सभी आतंकी पिछले डेढ़ वर्षों से भोपाल में रह रहे थे। खास बात ये है कि, इस अवधि में वो कुछ जरूरी सामान लेने या नमाज़ पढञने के लिए ही कमरे से बाहर निकलते थे। इसके अलावा, वो पूरे समय सिर्फ अपने कमरे में ही रहते थे। यही कारण है कि, आसपास किसी से भी उनकी जान पहचान नहीं थी। ATS द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, वो किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए शहर में ठहरे थे। हालांकि, वो किस मकसद से यहां रह रहे थे, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो सका है।