scriptडीआरडीई के प्रतिबंधित क्षेत्र का दायरा 200 मीटर से घटेगा | The area of restricted area of DRDE will be reduced by 200 meters | Patrika News

डीआरडीई के प्रतिबंधित क्षेत्र का दायरा 200 मीटर से घटेगा

locationग्वालियरPublished: Dec 04, 2019 01:16:14 am

संसद में बताया- स्थानांतरित करने की योजना नहीं

डीआरडीई के प्रतिबंधित क्षेत्र का दायरा 200 मीटर से घटेगा

डीआरडीई के प्रतिबंधित क्षेत्र का दायरा 200 मीटर से घटेगा

ग्वालियर. रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीआरडीई) को वैकल्पिक स्थल पर स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है। सांसद विवेक तन्खा के सवाल पर रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने सदन को यह जानकारी दी।
रक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि रक्षा संकर्म अधिनियम 1903 की धारा 3 के अंतर्गत ग्वालियर के डीआरडीई के दो सौ मीटर के दायरे में मौजूद निर्माण गिराए जाने का डीआरडीओ का कोई प्रस्ताव नहीं है। किंतु वह सभी निर्माण जो अधिसूचना की तारीख अर्थात वर्ष 2005 के पश्चात असिस्त में आए वे अवैध हैं और रक्षा संकर्म अधिनियम 1903 के अनुसार उन्हें गिराया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि उक्त अधिनियम के तहत बाधाओं को दूर करने के लिए मप्र सरकार के अधीन चरणबद्ध रूप में लागत रहित भूमि देने के संबंध में डीआरडीई की कुछ संवेदनशील सुविधाओं को वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित किए जाने की योजना है। इसके लिए प्रदेश सरकार भूमि के लागत रहित आवंटन के अंतर्गत, अधिसूचित जोन को चरणबद्ध रूप में कम किया जाएगा।

50 मीटर कम किया जाएगा क्षेत्र


मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में जोखिम मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त आवश्यकता प्रदान करके अधिसूचित जोन को 50 मीटर कम कर दिया जाएगा, जिससे वैकल्पिक भूमि के कब्जे से तीन माह के भीतर कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगले चरण में नए स्थान पर अधिकतम तीन साल की अवधि के भीतर सुविधाएं सृजित की जाएंगी। इसके बाद अधिसूचित जोन को हटा दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2005 में केन्द्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसके अनुसार ग्वालियर में प्रस्तावित डीआरडीई की दो सौ मीटर की परिधि में कोई भी निर्माण प्रतिबंधित किया गया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई है रोक


प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्यों को हटाए जाने के उच्च न्यायालय द्वारा एक जनहित याचिका में दिए गए आदेश पर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई है। जिस पर न्यायालय ने प्रारंभिक सुनवाई करते हुए अंतरित रोक लगा दी है। तन्खा ने इस मामले का हल निकालने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ व केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भी लिखा है। तन्खा ने कहा है कि डीआरडीई के प्रतिबंधित क्षेत्र में ग्वालियर की एक तिहाई संरचना प्रभावित होगी तथा हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित होगा। 17 सितंबर 2005 को जारी की गई अधिसूचना के बाद नगर निगम मुख्यालय दर्जनों सरकारी व निजी द$फ्तरों के अलावा कई निजी संस्थान, कई कॉलोनियां इसके प्रभाव क्षेत्र में आ रही हैं।
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