50 मीटर कम किया जाएगा क्षेत्र
मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में जोखिम मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त आवश्यकता प्रदान करके अधिसूचित जोन को 50 मीटर कम कर दिया जाएगा, जिससे वैकल्पिक भूमि के कब्जे से तीन माह के भीतर कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगले चरण में नए स्थान पर अधिकतम तीन साल की अवधि के भीतर सुविधाएं सृजित की जाएंगी। इसके बाद अधिसूचित जोन को हटा दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2005 में केन्द्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसके अनुसार ग्वालियर में प्रस्तावित डीआरडीई की दो सौ मीटर की परिधि में कोई भी निर्माण प्रतिबंधित किया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई है रोक
प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्यों को हटाए जाने के उच्च न्यायालय द्वारा एक जनहित याचिका में दिए गए आदेश पर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई है। जिस पर न्यायालय ने प्रारंभिक सुनवाई करते हुए अंतरित रोक लगा दी है। तन्खा ने इस मामले का हल निकालने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ व केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भी लिखा है। तन्खा ने कहा है कि डीआरडीई के प्रतिबंधित क्षेत्र में ग्वालियर की एक तिहाई संरचना प्रभावित होगी तथा हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित होगा। 17 सितंबर 2005 को जारी की गई अधिसूचना के बाद नगर निगम मुख्यालय दर्जनों सरकारी व निजी द$फ्तरों के अलावा कई निजी संस्थान, कई कॉलोनियां इसके प्रभाव क्षेत्र में आ रही हैं।