फोरम ने पाया कि चैक समय अवधि में भुगतान के लिए प्रस्तुत किया गया था। इसलिए बैंक का यह कहना गलत है कि चैक को विलंब से पेश किया गया। फोरम ने अपने आदेश में कहा कि चैक की चार लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि चैक जारीकर्ता से प्राप्त करने का पूरा प्रयास करने के बादभी उसे प्राप्त नहीं किया जा सका है ऐसा कोई बयान परिवादी ने नहीं दिया है। इन परिस्थितियों में परिवादी यह राशि नियमानुसार कार्यवाही कर जारीकर्ता से वसूल सकता है।