ग्वालियर

बाइकर्स की मनमानी से बिगड़ रही बारादरी की सुंदरता

बाइकर्स की मनमानी से बिगड़ रही बारादरी की सुंदरता

ग्वालियरJul 19, 2019 / 11:35 am

Parmanand Prajapati

बाइकर्स की मनमानी से बिगड़ रही बारादरी की सुंदरता


हाल ही में करोड़ों की लागत से फूलबाग के आसपास के क्षेत्र में पत्थर, पार्क, फुटपाथ आदि के काम कराए गए थे, लेकिन उक्त कार्य हो जाने के बाद उनकी सही से देखरेख नहीं की जा रही है। इससे सरकारी संपत्ति को असामाजिक तत्व नुकसान पहुंचा रहे हैं। फूलबाग बारादरी के ठीक सामने गांधी प्राणी उद्यान मौजूद है, जिसके गेट पर वाहनों के लिए पार्किंग भी बनी हुई है, लेकिन फूलबाग बारादरी के बड़े गेट खुले होने से लोग इसमें बाइक ले जाते हैं। इतना ही नहीं कई लोग बाइकों को सीढि़यों पर भी दौड़ाते हैं, जिससे कई सीढि़यां टूट चुकी हैं।फू लबाग बारादरी पर देखरेख के लिए कोई गार्ड मौजूद नहीं होता है, इसलिए लोग मनमानी करते लगते हैं।
 

कई लोगों ने पत्रिका एक्सपोज से इसकी जानकारी दी, जिस पर पत्रिका एक्सपोज की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो वहां कई बाइक बारादरी के अंदर रखी हुई थीं। कुछ युवक बाइकों को सीढि़यों से उतार रहे थे। दरअसल, यह सीढि़यां हाल में ही पत्थरों को काटकर बनाई गई हैं, जिन पर मोटर बाइक उतारना मना है। इसके बावजूद बाइकर्स यहां पर मनमर्जी करते नजर आते हैं, जिससे करोड़ों के हेरिटेज कार्यों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पहले भी हुआ नुकसान– पर्यटन विभाग द्वारा कराए गए करोड़ों के
कार्यों की देखरेख संबंधित विभागों को करनी थी, लेकिन आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण अफसरों का उक्त प्रोजेक्ट के प्रति उदासीन रवैया बना रहा। इसके चलते बैजाताल और इटालियन गार्डन में भी संपत्तियों को नुकसान पहुंचने के मामले सामने आते रहे हैं।
जनता के पैसों का दुरुपयोग
-जनता के पैसों से सरकार विकास कार्य कराती है, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च हो जाने के बाद उक्त विकास कार्यों से तैयार हुई संपत्ति की देखरेख नहीं की जाती। इसके चलते असामाजिक तत्व सरकारी संपत्तियों का नुकसान कर जाते हैं। वहीं लोगों को भी जागरूक होकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकना चाहिए।
अजीत पाराशर, राहगीर

-फूलबाग बारादरी पर कोई अगर शासकीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहां पर कौन गार्ड है, इसका पता करवाकर वहां की सुरक्षा को पुख्ता किया जाएगा, ताकि हेरिटेज को संरक्षित किया जा सके।
शिशिर श्रीवास्तव, प्रोजेक्ट अधिकारी ननि
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