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निगम के अधिवक्ता को जांच के लिए भेजा तो खुल गई पोल

locationग्वालियरPublished: Apr 24, 2019 06:29:49 pm

उच्च न्यायालय ने मंगलवार को नगर निगम के अधिवक्ता को गेंट्रीगेट और होर्डिंग्स की जांच के लिए भेजा तो निगम की पोल खुल गई। निगम के अधिवक्ता ने 16 गेंट्रीगेट का जायजा लेने के बाद न्यायालय को बताया

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निगम के अधिवक्ता को जांच के लिए भेजा तो खुल गई पोल

ग्वालियर. उच्च न्यायालय ने मंगलवार को नगर निगम के अधिवक्ता को गेंट्रीगेट और होर्डिंग्स की जांच के लिए भेजा तो निगम की पोल खुल गई। निगम के अधिवक्ता ने 16 गेंट्रीगेट का जायजा लेने के बाद न्यायालय को बताया कि शहर के प्रमुख मार्ग सिटी सेंटर में सालासर मॉल के पास तथा पड़ाव पर गेंट्री पर संकेतक नहीं लगे हैं। न्यायालय ने अवैध होर्डिंग्स के बारे में पूछा तो, उन्होंने बताया कि दस ऐसे होर्डिंग्स हैं जिसके लिए भवन स्वामी ने पंजीयन तो एक होर्डिंग के लिए कराया है, लेकिन दो होर्डिंग्स लगा लिए हैं। अवैध होर्डिंग्स लगाने वालों पर निगम कार्रवाई कर रहा है। इस पर न्यायालय ने कहा कि ऐसे प्रावधान बताएं जिसमें नियम विरुद्ध होर्डिंग्स लगाने वालों पर कठोर (जेल भेजने की) कार्रवाई की जा सके।
न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगलपीठ के समक्ष सुमन सिंह सिकरवार द्वारा अवैध होर्डिंग्स को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका पर सुबह सुनवाई शुरू हुई, तभी न्यायालय ने निगम के अधिवक्ता दीपक खोत से कहा कि वे शहर में अवैध होर्डिंग्स तथा गेंट्री गेट की स्थिति देखकर आएं और दोपहर ढाई बजे तक उनकी स्थिति बताएं। न्यायालय के निर्देश पर अधिवक्ता खोत शहर के गेंट्री गेट के निरीक्षण के लिए पहुंचे।
उन्होंने 16 गेंट्रीगेट देखे, इनमें से सिटी सेंटर व पड़ाव के गेंट्रीगेट पर संकेतक नहीं थे। खोत ने बताया कि इन गेंट्रीगेट को आउटसोर्स किया गया है, जिसमें 50 प्रतिशत हिस्सा एजेंसी को दिया गया है तथा 50 प्रतिशत हिस्सा संकेतकों के लिए है।
17 दिन में पॉलिथिन बेचने वालों पर 79 हजार का जुर्माना
उच्च न्यायालय में नगर निगम ने मंगलवार को शहर में डेंगू तथा स्वाइन फ्लू फैलने पर पर्याप्त व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश देने के लिए प्रस्तुत जनहित याचिका पर अपना जवाब पेश किया। निगम ने कहा कि 17 दिन में गंदगी फैलाने वालों पर 88 हजार 600 रुपए तथा पॉलिथिन बेचने वालों पर 79 हजार 750 रुपए जुर्माना किया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि निगम द्वारा प्रभावकारी दवा का छिडक़ाव व फॉगिंग की गई है। मलेरिया विभाग ने जो प्लान दिया था, उसका क्रियान्वयन कर दिया गया है। इसके बाद निगम ने भी वार्ड स्तर पर अपना प्लान बनाया है, जिसमें दवा छिडकऩे वाले से लेकर अधिकारियों तक की जिम्मेदारी तय की गई है। दवा का छिडक़ाव करने के बाद क्षेत्र के लोगों के फोन नंबर भी लाने होंगे, जिनसे इसकी पुष्टि की जाएगी। इसके अलावा मलेरिया विभाग को लिखा गया है कि वर्तमान में जो दवा का छिडक़ाव हो रहा है, यदि उससे कोई प्रभावकारी दवा हो जिसे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्य किया गया है, की जानकारी दी जाए, जिससे कि उसका उपयोग हो सकेगा।
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