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सिंधिया रियासत काल में बने रक्कास टैंक के बारे में कोर्ट ने दिए यह आदेश

locationग्वालियरPublished: Feb 10, 2020 11:20:52 pm

उच्च न्यायालय के आदेश पर शासन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा है कि रक्कस टैंक पहाड़ी पर जिस सर्वे नंबर 26 की जमीन पर जो अतिक्रमण है उस मामले में न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिया गया है। इसके अलावा अन्य सर्वे नंबर की जमीन पर अतिक्रमण नहीं है। इस रिपोर्ट पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि वे जिन सर्वे नंबरों पर अतिक्रमण है उसे चिन्हित कर बताएं।

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सिंधिया रियासत काल में बने रक्कास टैंक के बारे में कोर्ट ने दिए यह आदेश

ग्वालियर. उच्च न्यायालय के आदेश पर शासन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा है कि रक्कस टैंक पहाड़ी पर जिस सर्वे नंबर 26 की जमीन पर जो अतिक्रमण है उस मामले में न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिया गया है। इसके अलावा अन्य सर्वे नंबर की जमीन पर अतिक्रमण नहीं है। इस रिपोर्ट पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि वे जिन सर्वे नंबरों पर अतिक्रमण है उसे चिन्हित कर बताएं।
रक्कस पहाड़ी पर 4.5 मिलियन गैलन क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण सिंधिया स्टेट के समय किया गया है। मोतीझील फिल्टर प्लांट से पानी इस टैंक में भेजा जाता है इसके बाद इस टैंक से शहर को पानी की आपूर्ति की जाती है। इस पहाड़ी पर हो रहे अतिक्रमण के कारण पानी की टंकी के क्षतिग्रस्त होने का खतरा है।
उच्च न्यायालय के समक्ष शासन की ओर से यह जवाब डॉ अरुण कुमार शर्मा द्वारा एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के माध्यम से प्रस्तुत जनहित याचिका पर दिया गया है। उच्च न्यायालय ने शासन को निर्देश दिए थे कि तीन माह में रक्कस टैंक के आस-पास किए गए अतिक्रमण को हटाया जाए। वहीं एसपी ग्वालियर को निर्देश दिए गए थे कि वे प्रशासन को इसके लिए पुलिस बल उपलब्ध कराए। राज्य शासन को तीन फरवरी को इस मामले में प्रतिपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। न्यायालय के निर्देश पर शासन ने उक्त रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा कि सर्वे क्रमांक 26 के अलावा जो अन्य सर्वे क्रमांक पर अतिक्रमण की बात कही गई है वहां अतिक्रमण नहीं है। इस पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वे अतिक्रमण को चिह्नित कर न्यायालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। यह याचिका रक्कस टैंक के चारों ओर हो रहे अतिक्रमण के कारण इस टैंक के लिए उत्पन्न हो रहे खतरे को देखते हुए सभी अतिक्रमणों को हटाए जाने के निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर प्रस्तुत की गई है।

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