scriptनाट्य मंचन में दिखी ग्वालियर की संस्कृति | The culture of Gwalior seen in theatrical performance | Patrika News
ग्वालियर

नाट्य मंचन में दिखी ग्वालियर की संस्कृति

आइटीएम ग्लोबल स्कूल का एनुअल फंक्शन

ग्वालियरDec 07, 2021 / 10:00 am

Mahesh Gupta

नाट्य मंचन में दिखी ग्वालियर की संस्कृति

नाट्य मंचन में दिखी ग्वालियर की संस्कृति

ग्वालियर.
ढोलक की थाप पर रंग-बिरंगी वेशभूषा में बुंदेलखंडी नृत्य, मंच पर ही पेड़-पौधो से भरे जंगल में राजा मानसिंह का आखेट दृष्य…। मौका था आइटीएम ग्लोबल स्कूल के एनुअल फंक्शन का, जिसमें बच्चे ‘मृगनयनी-एक प्यारी चंबल गाथा’ का मंचन कर रहे थे। नाट्य मंचन एनुअल फंक्शन का प्रमुख आकर्षण रहा, जिसमें नृत्य, संगीत, गाथा, अभिनय, रंग, संस्कृति, इतिहास सभी कुछ समाहित था। इस नाट्य प्रस्तुति में स्कूल के नन्हे-मुन्नों से लेकर सीनियर स्टूडेंट्स ने एक से बढकऱ अभिनय कला की प्रस्तुति दीं। मुख्य अतिथि नगर निगम कमिश्रर किशोर कान्याल उपस्थित रहे। इस आयोजन को फेसबुक लाइव भी किया गया।
इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल डॉ सुजाष भट्टाचार्य, स्कूल की चेयरपर्सन रूचि सिंह चौहान उपस्थित रहे।
संस्कृति व इतिहास से रचे इस कार्यक्रम में प्री प्राइमरी के स्टूडेंट्स ने शास्त्री धुन पर कथक प्रस्तुत किया। अगली प्रस्तुति में स्टूडेंट्स ने राग भोपाली विशेष रूप से मंच पर पेश किया। इसके बात 9वीं शताब्दी के राजा मानसिंह तोमर की प्रेम कथा का नाट्य मंचन किया। स्टूडेंट्स ने इंस्ट्रुमेंटल परफॉर्मेंस भी दी। कार्यक्रम का संचालन स्टूडेंट ज्योतिष्को भट्टाचार्य व अग्रिमा वैष्य ने किया। अंत में आभार प्रदर्षन स्कूल की हेड गर्ल हुनर शाक्य ने किया।

संगीत, संस्कृति से कराया मृगनयनी में इतिहास दर्शन
‘मृगनयनी एक प्यारी चंबल गाथा’ नाट्य मंचन में हर प्रसंग को बड़ी सुंदरता से दर्शाया गया। नाट्य में बताया गया कि किस तरह गुजरी जाति की कन्या निन्नी ने अपनी बुद्धि, बल व शौर्य से राजा का दिल जीता। राजा मानसिंह तोमर ने उससे विवाह कर उसका नाम गुजरी निन्नी से बदलकर मृगनयनी रखा। साथ ही उनकी तीन शर्तों को मानते हुए उसके लिए गुजरी महल तैयार करवाया। इस नाट्य मंचन में तात्कालीन संस्कृति में रमे गीत, संगीत, नृत्य को भी आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया। कहानी के साथ-साथ एक्टिंग को ओर ज्यादा इफेक्टिव बना रही थी स्टेज के बैकग्राउंड में लगी विशाल एलईडी पर दिखता ग्वालियर किला और ऐतिहासिक दृश्य। साथ ही नाटक के हर दृष्य को प्रभावी बना रहा था वहां लगाई कलाकृतियां जो दृष्यों की आवश्यकता के अनुसार बदली जा रही थीं।
शांत रहें और नैतिकता से समझौता न करें
आइटीएम ग्लोबल स्कूल की चेयरपर्सन रूचि सिंह ने कहा कि पेंडेमिक हर किसी के लिए कई समस्याएं लेकर आया, लेकिन उसके दुष्प्रभावों से हमें खुद को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। उन्नति का मूल अच्छी शिक्षा, संस्कृति व अनुशासन होता है। हमेशा सच्चे रहें, किसी भी स्थिति में नैतिकता से समझौता नहीं करें। शांत रहें, आत्मविश्वासी रहें। खासकर बच्चों को अभी से ये सीखना चाहिए कि गुस्सा किसी चीज का हल नहीं है। सहनशक्ति रखकर ही हम किसी समस्या का हल निकाल सकते हैं। आप भी ऐसे कार्य करें जिससे समाज की मदद कर सके।
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