संस्कृति व इतिहास से रचे इस कार्यक्रम में प्री प्राइमरी के स्टूडेंट्स ने शास्त्री धुन पर कथक प्रस्तुत किया। अगली प्रस्तुति में स्टूडेंट्स ने राग भोपाली विशेष रूप से मंच पर पेश किया। इसके बात 9वीं शताब्दी के राजा मानसिंह तोमर की प्रेम कथा का नाट्य मंचन किया। स्टूडेंट्स ने इंस्ट्रुमेंटल परफॉर्मेंस भी दी। कार्यक्रम का संचालन स्टूडेंट ज्योतिष्को भट्टाचार्य व अग्रिमा वैष्य ने किया। अंत में आभार प्रदर्षन स्कूल की हेड गर्ल हुनर शाक्य ने किया।
संगीत, संस्कृति से कराया मृगनयनी में इतिहास दर्शन
‘मृगनयनी एक प्यारी चंबल गाथा’ नाट्य मंचन में हर प्रसंग को बड़ी सुंदरता से दर्शाया गया। नाट्य में बताया गया कि किस तरह गुजरी जाति की कन्या निन्नी ने अपनी बुद्धि, बल व शौर्य से राजा का दिल जीता। राजा मानसिंह तोमर ने उससे विवाह कर उसका नाम गुजरी निन्नी से बदलकर मृगनयनी रखा। साथ ही उनकी तीन शर्तों को मानते हुए उसके लिए गुजरी महल तैयार करवाया। इस नाट्य मंचन में तात्कालीन संस्कृति में रमे गीत, संगीत, नृत्य को भी आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया। कहानी के साथ-साथ एक्टिंग को ओर ज्यादा इफेक्टिव बना रही थी स्टेज के बैकग्राउंड में लगी विशाल एलईडी पर दिखता ग्वालियर किला और ऐतिहासिक दृश्य। साथ ही नाटक के हर दृष्य को प्रभावी बना रहा था वहां लगाई कलाकृतियां जो दृष्यों की आवश्यकता के अनुसार बदली जा रही थीं।
संगीत, संस्कृति से कराया मृगनयनी में इतिहास दर्शन
‘मृगनयनी एक प्यारी चंबल गाथा’ नाट्य मंचन में हर प्रसंग को बड़ी सुंदरता से दर्शाया गया। नाट्य में बताया गया कि किस तरह गुजरी जाति की कन्या निन्नी ने अपनी बुद्धि, बल व शौर्य से राजा का दिल जीता। राजा मानसिंह तोमर ने उससे विवाह कर उसका नाम गुजरी निन्नी से बदलकर मृगनयनी रखा। साथ ही उनकी तीन शर्तों को मानते हुए उसके लिए गुजरी महल तैयार करवाया। इस नाट्य मंचन में तात्कालीन संस्कृति में रमे गीत, संगीत, नृत्य को भी आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया। कहानी के साथ-साथ एक्टिंग को ओर ज्यादा इफेक्टिव बना रही थी स्टेज के बैकग्राउंड में लगी विशाल एलईडी पर दिखता ग्वालियर किला और ऐतिहासिक दृश्य। साथ ही नाटक के हर दृष्य को प्रभावी बना रहा था वहां लगाई कलाकृतियां जो दृष्यों की आवश्यकता के अनुसार बदली जा रही थीं।
शांत रहें और नैतिकता से समझौता न करें
आइटीएम ग्लोबल स्कूल की चेयरपर्सन रूचि सिंह ने कहा कि पेंडेमिक हर किसी के लिए कई समस्याएं लेकर आया, लेकिन उसके दुष्प्रभावों से हमें खुद को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। उन्नति का मूल अच्छी शिक्षा, संस्कृति व अनुशासन होता है। हमेशा सच्चे रहें, किसी भी स्थिति में नैतिकता से समझौता नहीं करें। शांत रहें, आत्मविश्वासी रहें। खासकर बच्चों को अभी से ये सीखना चाहिए कि गुस्सा किसी चीज का हल नहीं है। सहनशक्ति रखकर ही हम किसी समस्या का हल निकाल सकते हैं। आप भी ऐसे कार्य करें जिससे समाज की मदद कर सके।
आइटीएम ग्लोबल स्कूल की चेयरपर्सन रूचि सिंह ने कहा कि पेंडेमिक हर किसी के लिए कई समस्याएं लेकर आया, लेकिन उसके दुष्प्रभावों से हमें खुद को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। उन्नति का मूल अच्छी शिक्षा, संस्कृति व अनुशासन होता है। हमेशा सच्चे रहें, किसी भी स्थिति में नैतिकता से समझौता नहीं करें। शांत रहें, आत्मविश्वासी रहें। खासकर बच्चों को अभी से ये सीखना चाहिए कि गुस्सा किसी चीज का हल नहीं है। सहनशक्ति रखकर ही हम किसी समस्या का हल निकाल सकते हैं। आप भी ऐसे कार्य करें जिससे समाज की मदद कर सके।