भीषण गर्मी के कारण पौधे नष्ट हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें नियमित रूप से पानी नहीं मिल पाता है। पानी की किल्लत होने के कारण भी लोग ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में पौधे धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खो देते हैं। पौधों को गर्मी से बचाने के लिए गांधी रोड स्थित एक बंगले में मटका पद्धति का प्रयोग किया गया तो काफी सफलता मिली। मटका पद्धति का उपयोग करने वालों ने बताया कि पौधों को पानी देने की इस प्रक्रिया से जमीन और मिट्टी को कटाव से बचाया जा सकता है। इसके कई प्रयोग शहर के आसपास हो चुके हैं। हाल ही में गांधी रोड पर स्थित एक बंगले में सैकड़ों पौधे मटका पद्धति से भीषण गर्मी के दौरान शत-प्रतिशत बचे हैं। इसके लिए जरूरी है कि जो पौधे लगाए जा रहे हैं उनकी उम्र कम से कम चार वर्ष की होनी चाहिए, ताकि बड़े आकार के पौधे आसानी से लगाए जा सकें। इसके लिए हरियाली एक्सपर्ट ने पत्रिका एक्सपोज से बात करते हुए सरकारी अफसरों को सलाह दी है कि वह पौधों को बचाना चाहते हैं तो उक्त प्रक्रिया का शत प्रतिशत पालन करें ताकि शहर को हरियाली मुहैया कराई जा सके, जिससे पौधे भी बचे रहें और पर्यावरण का भी संरक्षण हो सके। अब आम लोग भी इस पद्धति के प्रति जागरुकता दिखाते हुए पौधों को बचाने का शत प्रतिशत प्रयास कर रहे हैं, साथ ही यहां पर आने वाले लोगों को भी मटका पद्धति के बारे में अवगत कराकर इस प्रयोग को करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
वहीं कई लोग इस पद्धति को अपना रहे हैं।