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अधूरा रह गया शहर की सीमा में बन रहा प्रदेश का पहला बर्ड पार्क

locationग्वालियरPublished: Nov 10, 2019 07:11:43 pm

Submitted by:

Dharmendra Trivedi

-अधिकारियों की अनदेखी पहुंचा रही नुकसान

The first bird park of the state is being incomplete in the city limits

The first bird park of the state is being incomplete in the city limits

ग्वालियर। गर्मियों की शुरुआत में जल संरक्षण के कामों के लिए बनाए गए प्रजेंटेशन में मुरार के खुरैरी तालाब को बर्ड पार्क के रूप में डवलप करने का प्लान बना था। पर्यावरण और संरक्षण के लिए लिहाज से सबसे उपयुक्त योजना के कारण इसको सराहना मिली और नगर निगम सीमा में प्रदेश का पहला बर्ड पार्क बनाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन अब यह काम अटका हुआ है। अधिकारियों की अनदेखी ने यहां के तालाब में कराए गए काम को भी खराब करना शुरू कर दिया है और कुछ जगहों पर पौधे भी गलने लगे हैं। स्थिति यह है कि अप्रवासी पक्षियों को बसेरा देनेे के लिए शहर की सीमा में बन रहा प्रदेश का यह पहला बर्ड पार्क अब अरुचि, अनदेखी और अव्यवस्था का शिकार होकर रह गया है। उल्लेखनीय है शहरी सीमा में तैयार हो रहे प्रदेश के इस पहले बर्ड पार्क में लगभग 50 फीसदी काम पूरा हो गया था, इसके बाद प्रगति पर ध्यान नहीं दिया गया और अब पानी रोकने के लिए तैयार की गई मिट्टी की दीवार कुछ जगह बह गई है। फैंसिंग का काम अधूरा है और प्रशासन ने किसी चौकीदार को भी इसकी निगरानी के नियुक्त नहीं किया है, जिससे आवारा पशु पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
बेस तैयार होने के बाद अटका काम

-पौधे लगाने से पहले तालाब के आसपास की मिट्टी की जांच कराई गई थी।
-प्रत्येक पौधे के लिए लगभग 6 फीट गहरा गड्ढा खोदकर उसमें गोबर, जिप्सम और दूसरी मिट्टी डाली गई थी।
-तालाब के आसपास लगभग 700 पौधे लगाए जा चुके हैं।
-संस्थाओं के माध्यम से भी पौधारोपण कराया है।

-तालाब के चारों ओर प्राकृतिक बाड़ बनाने के लिए करोंदे के पेड़ लगाए जाने थे, लेकिन अभी तक नहीं लगाए गए हैं।
दिखने लगे हैं अप्रवासी
-बीते कुछ दिनों से लेसल व्हिसलिंग टील पक्षी ने तालाब में डेरा डाल लिया है, यह इस बात का संकेत है कि दूसरे अप्रवासी पक्षी भी आ रहे हैं। फिलहाल यहां अप्रवासी पक्षियों में कॉमन डक, ग्रे हेरोन, कार्मोनेंट, डॉटर आदि मौजूद हैं। जबकि प्रवासी पक्षियों का भी आसपास डेरा है।

यह काम होते तो बदल जाती तस्वीर

-बर्ड पार्क की प्लानिंग के समय अप्रवासी पक्षियों को सुरक्षित महसूस कराने के लिये चारों ओर सूखे बड़े पेड़ लगाने की बात हुई थी ताकि पक्षी सुरक्षित महसूस करें और फिर पानी में विचरण करें। लेकिन अभी तक यह काम नहीं हुआ है, अब स्थिति यह है कि 100 से 120 प्रजाति के जलीय पक्षी तालाब में दिखने की संभावना वाली जगह में बमुश्किल 25 से 30 प्रजाति के पक्षी विचरण कर रहे हैं।
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