ग्वालियर

इंसान के अच्छे नेचर की खुशबू चारों दिशाओं में फैलती है

मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज ने सोनागिर स्थित आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह मैं धर्म सभा को संबोधित

ग्वालियरJul 29, 2020 / 06:38 pm

राजेंद्र ठाकुर

इंसान के अच्छे नेचर की खुशबू चारों दिशाओं में फैलती है

ग्वालियर। जिंदा रहने के लिए भोजन जरूरी है भोजन से ज्यादा पानी जरूरी है पानी से ज्यादा वायु जरूरी है वायु से ज्यादा आयु जरूरी है पर आयु से भी ज्यादा सफल होने के लिए आत्मविश्वास जरूरी है! जो लोग आत्मविश्वास से भरे होते हैं उनके हर सपने पूरे होते हैं। आज देश का युवा आत्मविश्वास से रिक्त है वह कामयाब तो होना चाहता है लेकिन काबिल नहीं बनना चाहता। सफलता के पीछे भागने से सफलता प्राप्त नहीं होती है। काबिल बनने से कामयाबी चरणों में आकर नतमस्तक हो जाती है। इतिहास बनाने वाले कोई स्वर्ग से नहीं आए थे उन्होंने भी मां के गर्भ से ही जन्म लिया था और आपने भी। इसलिए हिम्मत नहीं हारे निराशा और हताशा से दूर रहे। यह विचार क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज ने सोनागिर स्थित आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह मैं धर्म सभा को संबोधित करते हुए कही!*
मुनि श्री ने आगे कहा कि अच्छे फ्लावर की खुशबू केवल उसी दिशा में फैलती है जिधर हवा का रुख होता है पर इंसान के अच्छे नेचर की खुशबू चारों दिशाओं में फैलती है हमारा व्यवहार हमारे व्यक्तित्व ,स्वभाव, चरित्र और कुल का परिचायक है इन्हें अच्छा बनाने के लिए हमें अपने व्यवहार को श्रेष्ठ बनाने की आवश्यकता है। जिनका व्यवहार शालीन होता है वह शत्रु को भी अपना मित्र बना लेता हैं मगर जिनका व्यवहार शालीनता से भरा हुआ नहीं होता उनके मित्र भी एक दिन दुश्मन बन जाते हैं ।हमारा एक शालीन व्यवहार हमें किसी के दिल में उतारता है वही हमारा गलत व्यवहार किसी के दिल से उतार देता है हमें ऐसा व्यवहार करना चाहिए जो हम दुनिया के दिल से ना उतरे अपितु दिल में उतर जाए ।

खुले दिमाग का मालिक बने खाली दिमाग ना रहने दे
मुनि श्री ने आगे कहा कि खुले दिमाग का मालिक बने खाली दिमाग ना रहने दे। खाली दिमाग शैतान का घर होता है वहीं खुला दिमाग भगवान का मंदिर होता है हमेशा अपनी सफलताओं का श्रेय अपने से बड़ों को दें और आसफलता का श्रेय स्वयं ले ऐसा करने पर आपके अंदर अहंकार पैदा नहीं होगा ।उपलब्धियों का उत्सव तो मनाया जाना चाहिए मगर अहंकार नहीं पालना चाहिए जो लोग अपनी उपलब्धियों पर अकड़ कर के चलते हैं वह 1 दिन रावण और कंस की तरह रणक्षेत्र में जमींदोज हो जाया करते हैं क्योंकि दुनिया में सबसे बलवान समय है।

मुनिश्री के मंगल प्रवचन प्रतिदिन होंगे
चातुर्मास समिति के प्रचार मुख्य संयोजक सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि मुनिश्री के प्रतिदिन सोमवार से शनिवार तक शाम 7:00 बजे से 7:30 बजे तक ओर रविवार को दोपहर 3:30 से 4:30 तक विशेष प्रवचन होंगे। यह आयोजन मुनि श्री का प्रवास स्थल सोनागिर सिद्ध क्षेत्रफल स्थित अमोल वाली धर्मशाला के आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह में चलेंगे!

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