scriptमजबूत सुरक्षा में हैं चीते, अब इतने म हीनाें बाद ही देख सकेंगे पर्यटक | The Goat who caught 6 leopards is still roaming in enclosure nd forest | Patrika News

मजबूत सुरक्षा में हैं चीते, अब इतने म हीनाें बाद ही देख सकेंगे पर्यटक

locationग्वालियरPublished: Sep 26, 2022 03:55:38 pm

cheetas after 10 days in kuno- 6 तेंदुओं काे पकड़वाने वाला बकरा आज भी जंगल में मजे के साथ घूम कर खा रहा है घास – तेंदुओं से बचाने के लिए ये किए हैं इंतजाम- चीतों को कूनो नेशनल पार्क में खास सुरक्षा

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ग्वालियर। नामीबिया से आये चीतों को कूनो नेशनल पार्क एक विशेष बाड़े में रखा गया है, कहा जा रहा है कि उन्हें कूनो नेशनल पार्क रास आने लगा है। पिछले कुछ दिनों में उनका व्यवहार बदल गया है, ये अच्छे संकेत बताये जा रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि चीते यहां के माहौल में घुल मिल रहे हैं, उन्हें यहां रहना काफी पसंद आ रहा है। वहीं बारे में सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए है। चीतों के कोरेंटाइन बाडे में सोलर करंट लगाया गया है,जो तेंदुए समेत अन्य जानवरों के खतरों से चीतों को सुरक्षित रखेगा। चीतों के बाडे में ऊपर सोलर करंट दौड़ रहा है यह चीतों या अन्य जानवरों के लिए प्राणघातक तो नहीं है। लेकिन उन्हें डराने के लिए काफी है, इससे उन्हें हल्का झटका लगेगा जो चीतों को बाड़ों से बाहर जाने या किसी अन्य जानवर को अंदर आने से रोकेगा।

वहीं दूसरी ओर 6 तेंदुओं काे पकड़ाने वाला बकरा आज भी सुरक्षित और मस्त-
चीताें काे माैसम में पूरी तरह से ढ़लने और शिकार के लिए तैयार हाेने में अभी थाेड़ा और समय लगने की संभावना है। यहां एक बात और जान लें कि तेंदुओं काे चीते के लिए खतरा माना जा रहा था, ऐसे में एक बकरे के सहारे वन विभाग ने इस क्षेत्र के सभी 6 तेंदुओं काे पकड़ लिया, लेकिन इसमें भी सबसे खास बात ये रही की वह बकरा जिसकी मदद से ये तेदुए पकड़े गए वह आज भी सुरक्षित है। किस्मत वाला यह बकरा आज भी जंगल में मजे के साथ घूम रहा है, साथ ही जंगल में आराम से घास खा रहा है।

जानें कैसे रहा ये बकरा सुरक्षित – दरअसल ये बकरा एक बार नहीं बल्कि तेंदुओं काे पकड़ने के लिए 20 बार बांधा गया। और वह हर बार वह बच गया। छह में से एक भी तेंदुएं ने उसे अपना शिकार नहीं बनाया। ऐसे में आज भी इसे मजे से जंगल में घास चरते देखा जा रहा है। कूनो नेशनल पार्क के कर्मचारी इसे भाग्यशाली बकरा कह रहे हैं, जिसे बलि का बकरा बनाने के बाद भी वह हर बार बचता रहा। इतने दिनों से वह तेंदुआ और बाघ जैसे खतरनाक जानवरों से बच रहा है। बाड़े में रहने के बावजूद इसका किसी ने शिकार नहीं किया है। वन विभाग के कर्मचारियों के अनुसार इसकी वजह से यह 12 वर्ग किमी का क्षेत्र पूरी तरह से तेंदुआ मुक्त कर दिया गया है। इस वजह से यह बकरा अब चीतों का आहार बन सकता है।

वहीं चीताें की सुरक्षा के मामले में सामने आ रही जानकारी के अनुसार यहां 11.5 फीट ऊंची फेसिंग में सोलर करंट दौड़ रहा है, इन बाड़ों को 4 महीनों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया है। इसके अलावा यहां चीतों पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी तैनात की गई है। टीम के अनुसार चीतों की जांच की गई वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं और धीरे धीरे नए माहौल में खुद को एडजस्ट कर रहे हैं। अच्छी बात ये है की हर दिन चीतों का व्यवहार सामान्य होता जा रहा है।

चीताें काे रूटीन चेकअप और भोजन से किसी को कोई दिक्कत नही हुई। 1 माह बाद उन्हें बड़े बाड़ों में छोड़ दिया जाएगा। नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ ही वन विभाग के कर्मचारी भी इन पर नजर रख रहे हैं। दो-दो वनकर्मी एक समय पर इन चीतों पर निगरानी बनाए हुए हैं। यानि की हर समय कम से कम दो कर्मचारी इन्हें देख रहे होते हैं। ज्ञात हो की 17 सितंबर की पीएम मोदी ने इन चीतों को कूनो के बाडे में छोड़ा था। इस दौरान नामीबिया से आए इन सभी 5 मादा और 3 नर चीतों को कोरोन्टाइन बाड़ों में छोड़ा गया था। जिन्हेअब पर्यटक 4 माह बाद ही देख सकेंगे।

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