वहीं दूसरी ओर 6 तेंदुओं काे पकड़ाने वाला बकरा आज भी सुरक्षित और मस्त-
चीताें काे माैसम में पूरी तरह से ढ़लने और शिकार के लिए तैयार हाेने में अभी थाेड़ा और समय लगने की संभावना है। यहां एक बात और जान लें कि तेंदुओं काे चीते के लिए खतरा माना जा रहा था, ऐसे में एक बकरे के सहारे वन विभाग ने इस क्षेत्र के सभी 6 तेंदुओं काे पकड़ लिया, लेकिन इसमें भी सबसे खास बात ये रही की वह बकरा जिसकी मदद से ये तेदुए पकड़े गए वह आज भी सुरक्षित है। किस्मत वाला यह बकरा आज भी जंगल में मजे के साथ घूम रहा है, साथ ही जंगल में आराम से घास खा रहा है।
जानें कैसे रहा ये बकरा सुरक्षित – दरअसल ये बकरा एक बार नहीं बल्कि तेंदुओं काे पकड़ने के लिए 20 बार बांधा गया। और वह हर बार वह बच गया। छह में से एक भी तेंदुएं ने उसे अपना शिकार नहीं बनाया। ऐसे में आज भी इसे मजे से जंगल में घास चरते देखा जा रहा है। कूनो नेशनल पार्क के कर्मचारी इसे भाग्यशाली बकरा कह रहे हैं, जिसे बलि का बकरा बनाने के बाद भी वह हर बार बचता रहा। इतने दिनों से वह तेंदुआ और बाघ जैसे खतरनाक जानवरों से बच रहा है। बाड़े में रहने के बावजूद इसका किसी ने शिकार नहीं किया है। वन विभाग के कर्मचारियों के अनुसार इसकी वजह से यह 12 वर्ग किमी का क्षेत्र पूरी तरह से तेंदुआ मुक्त कर दिया गया है। इस वजह से यह बकरा अब चीतों का आहार बन सकता है।
वहीं चीताें की सुरक्षा के मामले में सामने आ रही जानकारी के अनुसार यहां 11.5 फीट ऊंची फेसिंग में सोलर करंट दौड़ रहा है, इन बाड़ों को 4 महीनों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया है। इसके अलावा यहां चीतों पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी तैनात की गई है। टीम के अनुसार चीतों की जांच की गई वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं और धीरे धीरे नए माहौल में खुद को एडजस्ट कर रहे हैं। अच्छी बात ये है की हर दिन चीतों का व्यवहार सामान्य होता जा रहा है।
चीताें काे रूटीन चेकअप और भोजन से किसी को कोई दिक्कत नही हुई। 1 माह बाद उन्हें बड़े बाड़ों में छोड़ दिया जाएगा। नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ ही वन विभाग के कर्मचारी भी इन पर नजर रख रहे हैं। दो-दो वनकर्मी एक समय पर इन चीतों पर निगरानी बनाए हुए हैं। यानि की हर समय कम से कम दो कर्मचारी इन्हें देख रहे होते हैं। ज्ञात हो की 17 सितंबर की पीएम मोदी ने इन चीतों को कूनो के बाडे में छोड़ा था। इस दौरान नामीबिया से आए इन सभी 5 मादा और 3 नर चीतों को कोरोन्टाइन बाड़ों में छोड़ा गया था। जिन्हेअब पर्यटक 4 माह बाद ही देख सकेंगे।