scriptबड़ी अजब-गजब है भिखारियों की दुनिया | The great beggars are the world of beggars | Patrika News

बड़ी अजब-गजब है भिखारियों की दुनिया

locationग्वालियरPublished: Jul 29, 2017 07:31:00 pm

Submitted by:

avdesh shrivastava

अमूमन ये माना जाता रहा है कि भीख कोई शौक में नहीं मांगता। कोई न कोई मजबूरी जरूर होती है, दूसरों के आगे हाथ पसारने की। वह भी कातर भाव से। ग्वालियर में भिक्षा वृत्ति करने वालों की दुनिया में भीख के अजब रंग हैं। यहां अक्सर लोग टाइम पास के लिए या शौक वश भी भीख मांगते हैं। 

  beggar

beggar

ग्वालियर. अमूमन ये माना जाता रहा है कि भीख कोई शौक में नहीं मांगता। कोई न कोई मजबूरी जरूर होती है, दूसरों के आगे हाथ पसारने की। वह भी कातर भाव से। ग्वालियर में भिक्षा वृत्ति करने वालों की दुनिया में भीख के अजब रंग हैं। यहां अक्सर लोग टाइम पास के लिए या शौक वश भी भीख मांगते हैं। यहां अधिकतर भिखारी बुंदेलखण्ड एरिया के हैं। जहां रोजी-रोटी के अभाव में लोग ग्वालियर आ गए। अपवाद भिखारी हैं जो स्थानीय हैं। हालांकि उनके भीख मांगने की वजह गरीबी कम, दूसरी ज्यादा हैं।
फिलहाल सागर निवासी महारानी बाई की कहानी ही लें। वे रेलवे स्टेशन पर भीख मांगती हैं। उनका बेटा सरकारी नौकरी में है। पक्का मकान भी है। वह सागर वापस नहीं जाना चाहती। भीख मांगने में ही मन लग रहा है। एक्सपोज टीम ने जब उनसे पूछा अम्मा आप इतनी संपन्न हो तो ये भीख मांगने में बुरा नहीं लगता, अम्मा बोली’ जा में बुरा मानिवे जैसी का बात है। टाइम पास है जातुए और शौकऊ पूरे हो जाते हैं। शौक कैसे अम्मा। अरे जाओ बितें हटो। देनो लैने कछू नहीं। लगे जि कैसे, वो कैंसे। फिलहाल महिला की बातों से ये तो साफ हो गया कि उसके पास भीख मांगने की कोई ठोस वजह नहीं है। बता दें कि महारानी बाई एक महिला के साथ बस घूमने फिरने के मकसद से दो तीन साल पहले ग्वालियर आई थीं।

कुछ भीख मांगने को मजबूर 
 फूलवती ने बताया कि वह कुछ दिनों पहले अपने पति रामदास का उपचार कराने के लिए जयारोग्य अस्पताल आई थी। जहां शासकीय खर्च पर पति का उपचार तो हो गया है, लेकिन अब घर जाने के लिए पैसा नहीं है इसलिए वह कुछ दिनों तक भीख मांग रही है, जैसे ही किराया लायक पैसा इकठ्ठा हो जाएगा, वह अपने पति को घर ले जाएगी। 

भीख मांगने में ऐसे रमा मन कि
ललितपुर कॉलोनी निवासी मिठुआराम ने बताया कि वह कुछ सालों पहले टीकमगढ़ से ग्वालियर आया था। जहां सड़क दुर्घटना में उसके हाथ और पैर खराब हो गए थे। ऐसे में उसके पास कमाने का कोई साधन नहीं था। उसने भीख मांगना शुरू किया। ध्ंधा चल बैठा। अब मेरा मन केवल भीख मांगने में ही लगता है। उसके मुताबिक प्रतिदिन 400 से 500 रुपए मिलते है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो