इसके अलावा जिम संचालकों द्वारा बाजार से कम दाम में दवाएं और प्रोटीन खरीदकर लोगों को अधिक दाम में भी बेचे जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति द्वारा अगर जिम से दवाएं खरीदने से मना किया जाता है तो उसे जिम में एंट्री भी नहीं दी जाती है। ऐसे में लोगों को मजबूरीवश जिम संचालकों से ही दवाएं और प्रोटीन खरीदना पड़ता है। इस बात का खुलासा एक्सपोज रिपोर्टर द्वारा जिम में स्टिंग के दौरान किया।
एक्सपोज रिपोर्टर द्वारा जिम में सेहत बनाने के नाम पर ठगे जा रहे लोगों के मामले में खुलासे के दौरान पाया गया कि पिछले कुछ वर्षों से युवाओं में बॉडी बिल्डिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। जिसका ही फायदा जिम संचालकों द्वारा उठाया जा रहा है। शहर में भी कई लोगों ने जिम खोल रखी हैं। लेकिन किसी भी जिम में कोई एक्सपर्ट ट्रेनर या फिर डाइटीशियन नहीं हैं।
बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के दी जा रही खुराक साथ ही खुलासे के दौरान पाया गया कि बॉडी बिल्डिंग करने वाले युवाओं को कब, कितना स्टेरॉयड्स देना है और कौन- कौन से न्यूट्रीशंस उन्हें लेने हैं और किस तरह प्रोटीन ग्रहण करना है। यह एक्सपर्ट द्वारा तय किया जाता है। लेकिन शहर में संचालित अधिकांश जिम संचालक युवाओं को मनमानी ढंग से खुराक दे रहे हैं। जबकि मनमाने ढंग से दी जा रही खुराक शरीर मेें निगेटिव असर भी डालती हैं। साथ ही कई बार मनमाने ढंग से ली गई खुराक युवाओं के जीवन के लिए संकट का कारण भी बन सकती है। फिर भी जिम में बिना एक्सपर्ट की सलाह कोई युवाओं को सेहत बनाने की खुराक दी जा रही है। इधर, युवा भी शीघ्र से शीघ्र बॉडी बनाने के लिए मनमानी ढंग से खुराक ले रहे हैं। जो उनके लिए हानीकारक साबित हो सकती है।
भारी पड़ता है सप्लीमेंट्स पर निर्भर होना वजन बढ़ते ही लोग जिम ज्वॉइन कर लेते हैं और यह चाहते हैं कि उनका बढ़ा हुआ बजन जल्दी से कम जो जाए। इसके लिए वह जिम ट्रेनर के सुझाव को भी अपनाते हैं और कुछ चीजों को खाना भी छोड़ देते हैं। धीरे-धीरे उनका ऐसा माइंडसेट हो जाता है कि उनके मन में खाने पीने की कुछ चीजों को लेकर भ्रम पैदा हो जाता है। कई लोग जिम ट्रेनर की बात मानकर सिर्फ सप्लीमेंट पर ही चलते हैं। जबकि ऐसा करना उनकी सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है। जबकि खानपान में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 10 फीसदी की ही होना चाहिए। इससे ज्यादा इन सप्लीमेंट्स पर निर्भर करना भारी पड़ सकता है।
बाहर के खाने से परहेज जिम ज्वाइन करते हुए लोग अक्सर बाहर के खाने को सबसे पहले इग्नोर करते हैं। ऐसा इसलिए होत है क्योंकि उनके मन में ये बात बैठ जाती है है कि बाहर का खाना खाने से बजन बढ़ता है। बाहर का खाना भी सेहत के लिए जरूरी होता है। क्योंकि कभी-कभी बाहर का खाना खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर कोई असर पड़ सकता है। साथ ही रोजमर्रा के रुटीन करने से दिमागी तौर पर शांति मिलती है। कुछ भी खाने से पहले लोग उसमें कितनी कैलोरी होती है सबसे पहले यही देखते हैं। जबकि जिम ज्वाइन करने के दौरान इस बात का भी पता नहीं रहता है कि किस चीज में कितनी कैलोरी होती है। यहां तक जिम संचालक युवाओं को यह भी नहीं बताते हैं कि कितनी कैलोरी का सेवन आपको एक दिन में करना चाहिए।
बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के दी जा रही खुराक -जिम में अगर बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के खुराक दी जा रही तो यह गलत है। इसके लिए शीघ्र ही जिम की जांच कराई जाएगी और नियमों का पालन कराए जाने के निर्देश दिए जाएंगे।
अजय ठाकुर, ड्रग इंस्पेक्टर