पत्नी इंदौर में रहती है और बच्चे ग्वालियर में पढ़ते हैं
उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान बताया गया कि बच्चे वर्तमान में ग्वालियर केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ते हैं। उनकी मां इंदौर में रहती है। यदि बच्चों की कस्टडी उनको दी जाती है तो पढ़ाई प्रभावित होगी। इस पर याचिकाकर्ता की तरफ से कोविड-19 के कारण स्कूल बंद होने का हवाला दिया गया। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि बच्चों को पिता ने हिरासत में रखा है ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। मां को बच्चों की कस्टडी दी जा रही है, लेकिन बच्चों के कल्याण के लिए स्कूल खुलने पर याचिकाकर्ता को ग्वालियर में ही उनकी पढ़ाई की व्यवस्था करनी होगी। ऐसी स्थिति में स्कूल परिवर्तन बच्चों के हित में नहीं होगा।
हाईकोर्ट ने दिया था सुलह करने का मौका
याचिका पर सुनवाई से पहले पति-पत्नी को आपस में समझौता करने का मौका दिया गया। अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी के कार्यालय में दोनों को बैठाया गया, लेकिन दोनों साथ रहने को तैयार नहीं थे। आखिरकार बच्चों की बात सुनकर उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया।