चार घंटे देखे दस्तावेज
नर्सिंग कांड की जांच के लिए बनी जांच कमेटी में पूर्व कुलपति रमेश चंद्रा, पूर्व रजिस्ट्रार एचएस त्रिपाठी और प्रस्तुतकर्ता अधिकारी असिस्टेंट रजिस्ट्रार साधना शर्मा शामिल हैं। जांच टीम के सदस्य सुबह 11 बजे जीवाजी विश्वविद्यालय पहुंचे। कमेटी ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार द्वारा दिए दस्तावेज को अपरान्ह तीन बजे तक देखा। इसके बाद शंकाएं लिखकर असिस्टेंट रजिस्ट्रार को दे दीं। इनका जवाब अगली बैठक से पहले तैयार करने के निर्देश भी दिया। जांच के बाद कमेटी के सदस्य एक घंटे तक कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी के पास भी बैठे थे।
इन कमेटियों ने की अब तक जांच
-नर्सिंग की 200 मार्कशीट के फर्जीवाड़े को लेकर सबसे पहली जांच फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने की थी। इसके बाद दूसरी कमेटी सेवानिवृत जज, सेवानिवृत आईएएस और सेवानिवृत आईपीएस ने की थी। दोनों जांच में फर्जीवाड़ा तो मिला लेकिन यह फर्जीवाड़ा किसने किया यह पता नहीं चला। इसके अलावा लोकायुक्त में भी शिकायत हो चुकी है जिसकी जांच जारी है और यूनिवर्सिटी थाने में भी प्रकरण दर्ज है।