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ग्वालियर

बच्चों की जिंदगी में भर रहे शिक्षा का उजाला

हजीरा निवासी चंदनपाल पेशे से पेंटर हैं, लेकिन उनकी सोच और जज्बे ने कई बच्चों की जिंदगी में शिक्षा का उजाला भर दिया है।

ग्वालियरOct 11, 2019 / 08:54 pm

Harish kushwah

बच्चों की जिंदगी में भर रहे शिक्षा का उजाला

ग्वालियर. हजीरा निवासी चंदनपाल पेशे से पेंटर हैं, लेकिन उनकी सोच और जज्बे ने कई बच्चों की जिंदगी में शिक्षा का उजाला भर दिया है। एक मजदूर की बेटी के नाम पर मुस्कान स्कूल चला रहे चंदन कहतेे हैं कि गरीब और बेसहारा बच्चों को पढ़ाने में जो सुकून मिलता है, वह दुनिया के ऐशो-आराम से ज्यादा है। इसके लिए उन्होंने और उनके बच्चों ने मेहनत की कमाई की पाई-पाई लगा दी। उनके हौसले की जानकारी अभिनेता सलमान खान तक पहुंची उन्होंने उनके स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों का वेतन देने का फैसला किया।
चं दनपाल बताते हैं कि स्कूल की शुरुआत करीब 19 साल पहले हुई। करीब 20-22 साल पहले घर पर कुछ काम कराना था, इसलिए मजदूर को बुला कर लाए थे। उसने बताया काम की बेहद जरूरत है, उसके पत्नी बच्चे रेलवे स्टेशन पर दो दिन से भूखे बैठे हैं। उसकी बात सुनकर वह दहल गए, उससे कहा काम बाद में करना, पहले बच्चों को लाओ। उन्हें खाना खिलाया, उसकी पांच साल की बेटी मुस्कान से बातें की। बच्ची ने उनसे सवाल किया कि ऐसा स्कूल बताओ जिसमें पैसे दिए बिना पढ़ सकें। उसकी बात ने झकझोर दिया। मासूम के सवाल का जवाब नहीं दे सके, लेकिन तय किया कि ऐसे बच्चों के पढ़ने का सपना जरूर साकार करेंगे। 2000 में लाल टिपारा में किराए की बिल्डिंग में 80 बच्चों का मुस्कान चिल्ड्रन स्कूल शुरू किया, इसमें टीचर, बच्चों के लिए कॉपी, किताब और डे्रस का इंतजाम किया। पेंटिंग की कमाई से जो मिलता उससे घर के साथ स्कूल का खर्च निकाला। नौ साल किसी तरह स्कूल चलाया, बाद में हालात बदतर हो गए स्कूल पर ताला लगाने की नौबत आ गई। यह स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पता चला तो वे बोले स्कूल बंद मत करना। उनकी ललक देखकर परिवार ने तय किया कुछ भी हो स्कूल चलाएंगे, इसलिए कर्ज लिया, बेटी नौकरी कर कमाती थी, उसने भी पैसा लगाया। स्कूल चलाने के संघर्ष को बेटे ने फेसबुक पर पोस्ट किया था, इसके बाद एक दिन सलमान खान ने उन्हें मुंबई बुलाकर कहा कि उनके जज्बे को सलाम करते हैं और स्कूल के सभी टीचर्स के वेतन का भुगतान आगे से वही करेंगे।

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