अभिषेक ने बताया कि इस साल हम उत्तरप्रदेश के बाराबंकी में 100 स्कूल में डिजिटल क्लासरूम बनाने का प्लान है। पुणे और नोएडा में भी हम क्लासरूम तैयार कर रहे हैं। इंदौर में अमेजॉन के साथ मिलकर टैबलेट लैब तैयार कर रहे हैं। साल के आखिरी तक हमे एक हजार डिजिटल क्लासरूम बनाना है और 2025 तक हमारा एक मिलियन बच्चों को डिजिटल लर्निंग से जोडऩे का लक्ष्य है।
इस मिशन में हमारी 20 युवाओं की टीम काम कर रही है। स्कूल में डिजिटल क्लासरूम बनाने के साथ ही हमारी टीम शिक्षकों को प्रशिक्षित करती है। डिजिटल क्लासरूम में हम बड़े साइज की स्मार्ट टीवी लगाते हैं। उसमें क्लास के अनुसार सभी बुक के कंटेंट ऑडियोज व वीडियो में बच्चे देख पाते हैं। हमारी टीम हर तीन महीने में शिक्षकों को प्रशिक्षण देती है।
अभिषेक ने बताया कि मैं आइटीएम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान मैं स्लम एरिया में पढ़ाने जाता था। फिर मैंने एक टीम बनाई, जो हर वीकेंड बच्चों को पढ़ाती थी। तब मुझे लगा कि यदि गांवों के सरकारी स्कूल को बेहतर किया जाए तो बच्चे पढ़ाई से जुड़ेंगे। वहीं से मुझे डिजिटल क्लासरूम का विचार आया।
अभिषेक दुबे, फाउंडर, मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन ग्वालियर