गांधी प्राणी उद्यान में 31 अगस्त और एक सितंबर के दरम्यान सफेद बाघिन मीरा ने दो शावकों को जन्म दिया था। इनमें से एक शावक अस्वस्थ था, जिसकी गर्दन जन्मजात असमान्य थी। उसमें अब 85 परसेंट तक सुधार आ गया है। चिडिय़ाघर प्रभारी डॉ. उपेन्द्र यादव के अनुसार एक हफ्ते में यह शावक पूरी तरह ठीक हो जाएगा। इसके लिए जबलपुर से डॉ. एबी श्रीवास्तव और रीवा से डॉ. राजेश तोमर का परामर्श भी लिया जा रहा है।
वेट एंड वॉच का फॉर्मूला अपनाया
डॉ. यादव ने बताया कि शावक की गर्दन जन्मजात टेढ़ी थी, लेकिन शावक फीड अच्छे से कर रहा था। डाइजेशन सिस्टम भी ठीक था। हमने उसे कोई इलाज नहीं दिया। केवल वेट एंड वॉच का फॉर्मूला अपनाया। उसकी हर एक गतिविधि पर नजर रखी। सीनियर डॉक्टर के टच में रहे। उसकी गर्दन काफी हद तक सीधी हो गई है। अगले हफ्ते तक वह पूरी तरह सामान्य हो जाएगा।
शावक 40 दिन तक पीएंगे मां का दूध
चिडिय़ाघर प्रबंधन के अनुसार दोनों शावकों को 40 दिन तक मां का दूध पिलाया जाएगा। इसके बाद उन्हें चिकन सूप व सॉफ्ट फ्लैश दिए जाएंगे। इसी प्रकार मां मीरा की डाइट में भी कुछ बदलाव किया गया है। ब्रेकफास्ट में सुबह 9 बजे दूध और अंडे दिए जा रहे हैं। 11.30 बजे एक चिकन और शाम को मटन दिया जा रहा है। मीरा को सातों दिन डाइट दी जा रही है, जबकि अन्य जानवरों का शुक्रवार ऑफ रहता है।
डॉ. यादव ने बताया कि शावक की गर्दन जन्मजात टेढ़ी थी, लेकिन शावक फीड अच्छे से कर रहा था। डाइजेशन सिस्टम भी ठीक था। हमने उसे कोई इलाज नहीं दिया। केवल वेट एंड वॉच का फॉर्मूला अपनाया। उसकी हर एक गतिविधि पर नजर रखी। सीनियर डॉक्टर के टच में रहे। उसकी गर्दन काफी हद तक सीधी हो गई है। अगले हफ्ते तक वह पूरी तरह सामान्य हो जाएगा।
शावक 40 दिन तक पीएंगे मां का दूध
चिडिय़ाघर प्रबंधन के अनुसार दोनों शावकों को 40 दिन तक मां का दूध पिलाया जाएगा। इसके बाद उन्हें चिकन सूप व सॉफ्ट फ्लैश दिए जाएंगे। इसी प्रकार मां मीरा की डाइट में भी कुछ बदलाव किया गया है। ब्रेकफास्ट में सुबह 9 बजे दूध और अंडे दिए जा रहे हैं। 11.30 बजे एक चिकन और शाम को मटन दिया जा रहा है। मीरा को सातों दिन डाइट दी जा रही है, जबकि अन्य जानवरों का शुक्रवार ऑफ रहता है।