धर्मेन्द्र के अनुसार बीते कुछ सालों से शहर में बारिश कम हो रही थी। जबकि उन्होंने शहर में कई दिनों तक बारिश के सीजन में वर्षा होते देखी थी। उनके मन में कहीं न कहीं इस बात की टीस थी। जब उन्होंने इसका अध्ययन किया तो पता चला कि लगातार शहरीकरण एवं विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई की गई लेकिन उनकी जगह पेड़ नहीं लगाए गए। जिसका खामियाजा पर्यावरण में आए परिवर्तन के रूप में सभी ने देखा। तापमान में जहां वृद्धि हो गई तो बारिश बहुत कम हो गई। इसके कारण ही उन्होंने पौधरोपण शुरू किया। उनके घर के सामने इतनी जगह नहीं थी कि वो पौधे लगाएं। इसके लिए उन्होंने शहर के आसपास के क्षेत्रों में जहां जगह मिलीं वहां पौधरोपण किया। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जाकर लोगों को पौधरोपण करने एवं उससे होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं। इसके साथ ही वह स्कूल में छात्रों को भी पौधरोपण के लिए जागरूक करते हैं।