ठगों की बातों में आकर पैसा गंवाने वालों की सबसे बडी खामी लालच में फंसते वक्त धोखेबाजों के दिए गए ऑफर और भरोसे की पडताल नहीं करना होती है। इसके अलावा ज्यादातर लोग सिर्फ इसलिए धोखा खाते हैं कि वह किसी भी डील से पहले जांच परख करने की बजाए, मुनाफा का लालच देखकर ठगों पर भरोसा करते हैं।
– सस्ती जमीन का लालच- सस्ते में मकान, जमीन का लालच देकर कुछ पैसों में एग्रीमेंट कर रकम हडपने का अपराध सबसे ज्यादा सामने आया है। दरअसल इस अपराध को अंजाम देने वालों के पास बचने के लिए पर्याप्त वक्त होता है। एग्रीमेंट के वक्त ठग पैसा ऐंठते हैं, फिर रजिस्ट््री के लिए वक्त लेते हैं। इस दौरान खरीदार को भरोसे में रख उसे अपने बारे में पड़ताल का मौका नहीं देते।
– सस्ते लोन और नौकरी का झांसा- धोखेबाजों का दूसरा बडा नेटवर्क लोगों की रोजमर्रा की जिदंगी को जरिया बनाकर ठगने का है। ऐसे अपराध करने किसी को टारगेट कर वारदात नहीं करते। उनका नेटवर्क सिर्फ अंदाज पर लोगों को फोन कॉल कर जाल फेंकता है। क्रिमनल्स को भी पता है कि ताजा हालात में लोगों को कर्ज और नौकरी दोनों की सबसे ज्यादा जरूरत हैं। इनमें भी तमाम लोग इसे घर बैठे हासिल करना ज्यादा मुनासिब भी समझते हैं। यह गैंग ऐसे ही लोगों को फंसाते हैं।
– इनाम और ऑफर- इसमें ठगों का टारगेट जल्दी अमीर बनने वालों को जाल में फंसाना होता है। यहां भी अपराध को अंजाम देने वाले और फंसने वालों में कोई पुराना ताल्लुक नहीं होता। सिर्फ लालच दोनों के कांटेक्ट का जरिया बनता है।
यहां कमजोर पड़ती तफ्तीश
ठगी, धोखेबाजी ओर फरेब के मामलों की पड़ताल में पुलिस के लिए सबसे बडी चुनौती उन अपराधियों की पहचान करना होती है जो दूसरे शहरों, राज्यों में बैठकर लोगों के लालच का फायदा उठाकर उन्हें ठगते हैं। पुलिस अधिकारी मानते हैं कि पिछले 5 साल में ऐसे अपराधियों की फेरहिस्त करीब 150 से ज्यादा पार कर चुकी है। इन अपराधियों के बारे में ठगे गए लोगों को कुछ पता नही होता, सिर्फ एक फोन कॉल का रिकार्ड जरिया होता है। लोगों को ठगने वालों को भी पता होता है कि पुलिस उनके मोबाइल नंबर के जरिए शिकंसा कसेगी इसलिए हर वारदात के बाद मोबाइल नंबर बदल कर तलाश का जरिया बंद करते हैं।
जागरुकता की कमी
धोखा देकर दूसरों का पैसा हड़पने के अपराध बढ़े हैं, इसके पीछे कई कारण है। लोगों में जागरूकता की कमी भी इसका बड़ा कारण है। ठगने वाले तो लालच देते हैं फंसने वाले भी उसे आसानी से सच मानते हैं। ऐसे अपराधों की विवेचना और अपराधियों की तलाश करना भी मुश्किल होता है। कानूनी प्रक्रिया में कुछ ऐसी लचीली बातें हैं जिनका अपराधी फायदा उठाते हैं।
सत्येन्द्र तोमर एएसपी क्राइम