कुलपति और मेरे वैचारिक मतभेद हैं पर मनभेद नहीं नियम कानून के हिसाब से काम करूंगा: प्रो. चौहान
मैं अब रजिस्ट्रार बन गया हूं, नियम कानून के हिसाब से ही चलूंगा, कुलपति और मेरे बीच वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन वो मनभेद नहीं है, मतभेद नियम कानून को लेकर है। इस सबके बावजूद मैं कुलपति के विजन का हिस्सा हूं और उनके विजन को लागू करने की कोशिश रहेगी।
उत्तर: छात्रों की समस्याओं को पहले पूरी तरह से समझकर उसके बाद समाधान की कोशिश होगी। रिजल्ट बनाने वाली कंपनी ने जो कमियां छोड़ी हैं, उनको दूर करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
उत्तर: अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए थोड़ी कड़ाई की जाएगी। इसके साथ ही मैं स्वयं भी नियमों का पालन करूंगा और मैं समय से आऊंगा और नियमों का पालन करूंगा तो दूसरे भी अपने आप पालन करेंगे।
उत्तर: मैं कुलसचिव बनने से पहले तक शिक्षक था, प्रशासनिक भवन में नहीं आता था, लेकिन अब नियमों में बंधी हुई मशीन हूं, हमारी कोशिश यह रहेगी कि मई तक सारी परीक्षाएं और परिणाम घोषित हो जाएं। इसके लिए परीक्षा नियंत्रक और शिक्षकों से बात करके सब तय किया जाएगा।
उत्तर: सीएम हेल्पलाइन का निराकरण टॉप प्रॉयोरिटी पर किया जाएगा। संबंधित को चि_ी लिखेंगे, उदासीनता बरती तो वेतन कटौती होगी और लापरवाही बरती तो निलंबन और इसके बाद भी समाधान सही तरीके से न हुआ तो टर्मिनेशन की कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर: प्रबंधन से जुड़ी इस तरह की दिक्कत मिस मैनेजमेंट से होती है। इस तरह की मानवीय भूलों को सुधारा जाएगा और सहायक कुलसचिव मिश्रा या परीक्षा नियंत्रक पर जो कार्रवाई हुई है, उसमें अगर कोई ऐसी कार्रवाई हुई जो नहीं होनी चाहिए थी तो उसको लेकर भी बातचीत की जा सकती है।
उत्तर: यह बड़ा सवाल है, जहां सरकारी कॉलेज नहीं पहुंच पाते हैं, वहां प्राइवेट कॉलेज काम कर रहे हैं। छोटी मोटी गलतियां सुधारने पर ध्यान दिया जाएगा। कॉलेज डवलपमेंट काउंसिल से बात करके समाधान निकाला जाएगा। सभी से सुझाव लेकर काम किया जाएगा।