द्वितीय प्रस्तुति गौरी बोधनकर की रही। मुंबई यूनिवर्सिटी के संगीत विभाग की छात्रा गौरी ने अपने गायन का प्रारंभ राग मारू विहाग में निबद्ध बड़ा ख्याल शुभ दिन आज आयो… से किया जो कि विलम्बित एकताल में निबद्ध था। तत्पश्चात ताल तीनताल में छोटा ख्याल घर नहीं आए पिया की प्रभावी प्रस्तुति ने सभी संगीत रसिकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
तृतीय प्रस्तुति काबुल बुखारी के सुगम गायन की रही। अंतिम प्रस्तुति मुंबई यूनिवर्सिटी की सह प्राध्यापक गायिका डॉ.चेतना बनावत के शास्त्रीय गायन की रही। विलम्बित एकताल में निबद्ध बड़े ख्याल से उन्होंने शुरूआत की, जो कि राग शुद्ध सारंग में निबद्ध था। इसके बोल थे तपन लागी चहुं ओर… के बाद ताल तीन ताल में छोटा ख्याल अब मोहे जाने दे कान्हा परू तोरी पंइयां… बहुत ही तैयारी के साथ प्रस्तुत किया गया। साथ ही राजस्थानी मांड म्हारा साचोरा मोती… की भी सुंदर प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के अंत में राग भैरवी में जगत जननी मां तारिणी मोहिनी तू जगदंबा… भजन गाकर कार्यक्रम का समापन किया। इनके साथ ही तबले पर मुंबई के तबला वादक अभय दातार, हारमोनियम पर मंदर रूपजी ने संगति की। इस अवसर पर कुलसचिव अजय शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुनील पावगी, संयोजक डॉ. रंजना टोणपे आदि उपस्थित थे। संचालन डॉ. पारूल दीक्षित ने एवं आभार विकास बिपट ने किया।
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