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ग्वालियर

शहर के 5 लाख लोग हर दिन हो रहे अपने हिस्से के 135 लीटर साफ पानी के लिए परेशान

-खत्म नही हो रही गन्दे पानी की समस्या-अधिकारियों की बैठक में ही हो रहे समाधान फील्ड में सिर्फ औपचारिकता

ग्वालियरNov 28, 2022 / 06:36 pm

Dharmendra Trivedi

शहर के 5 लाख लोग हर दिन हो रहे अपने हिस्से के 135 लीटर साफ पानी के लिए परेशान

शहर के 5 लाख लोग हर दिन हो रहे अपने हिस्से के 135 लीटर साफ पानी के लिए परेशान

ग्वालियर। 66 वार्डों में निवासरत 15 लाख की जनसंख्या में से 60 वार्डों के 40 से ज्यादा मौहल्लों-बस्तियों में रह रहे 5 लाख से ज्यादा लोगों को उनके हिस्से का 135 लीटर साफ पानी नहीं मिल रहा है। निगम के अधिकारी लोगों के हिस्से का पानी देने के लिए अपना काम सही तरीके से नहीं कर रहे। बीते 48 दिन से शहर में गंदे पानी की सप्लाई जारी है। अधिकारियों ने पानी की टंकियोंं की साफ-सफाई कराने में लापरवाही बरती है। पाइप लाइनों का सही मेंटेनेंस नहीं किया गया। अवैध कनैक्शनों पर लगाम नहीं लगाई। सबसे बड़ी बात सप्लाई लाइनोंं का सही तरीके से मिलान न होने से लगातार लीकेज हो रहे हैं और लीकेज की वजह से सीवर का पानी पेयजल सप्लाई में मिलने की संभावना लगातार बनी रहती है। इसके अलावा नगर निगम पीएचई के अधिकारियों ने वार्डों में पहले से डाली गईं लाइनें के खराब होने के बाद भी बदला नहीं गया है। यह भी गंदा पानी आने की एक वजह बन गया है।

दरअसल, शहर को शुद्ध पेजयल उपलब्ध कराने के लिए अमृत योजना-1 के माध्यम से 345.80 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस राशि से प्रत्येक घर में वैध कनैक्शन पहुंचाने के साथ ही सभी लाइनों का मिलान करके हर घर में 9 मीटर ऊपर तक बिना किसी मोटर पंप के पानी पहुंचाने का दावा किया गया था। वर्ष 2017 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा हो गया है और पानी अभी तक घरों की छतों पर बनी टंकी तक नहीं पहुंचा।

यह है स्थिति
-इंटर कनैक्शन पूरे नहीं हुए हैं। डीएमए और सप्लाई लाइन पूरी नहीं बिछ पाई है। सभी टंकियों को अभी तक चालू नहीं किया गया है।
-अमृत-1 के अंतर्गत 70 हजार नल कनैक्शन करने का दावा किया गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि 20 हजार नल कनैक्शन देने का काम बाकी है।

ये क्षेत्र जहां गंदा पानी बना समस्या
-शहर के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोगों की कॉलोनियों में शामिल दपर्ण कॉलोनी, विनयनगर, लक्ष्मीबाई कॉलोनी, अमलताश कॉलोनी में गंदा पानी लगातार आ रहा है।
-शहर के सबसे समृद्ध व्यवसाइयों के क्षेत्र समाधिया कॉलोनी, सराफा बाजार, बजरिया क्षेत्र, बहोड़ापुर, जीवाजीगंज, मामा का बाजार क्षेत्र में गंदा पानी आ रहा है।
-पिछड़े क्षेत्र में शामिल गैंडे वाली सड़क, लाला का बाजार, चार शहर का नाका, लधेड़ी, सेवानगर, गौसपुरा, घासमंडी सहित अन्य क्षेत्रों में गंदा पानी आ रहा है।

काम जो अधूरे हैं
-डब्ल्यूटीपी पर लाइन बिछाने का काम बाकी है।
-200 इंटर कनेक्शन(लाइन से दूसरे लाइन का मिलान)होना बाकी है।
-20 हजार नल कनेक्शन बाकी हैं।
-107 डीएमए (डिस्ट्रीक मीटरिंग एरिया) का काम बाकी है।
-प्लांट से टंकी तक फीडर लाइन बिछाना बाकी है।
-हुजरात, शांतिनगर, इस्लामपुरा और माता मंदिर की टंकियों का काम बाकी है।
-ओवर हेड और भू स्तरीय टैंक चालू नहीं हो सके हैं।

काम जिन पर प्रश्रचिन्ह लगे हैं
-9 से 12 मीटर ऊंचाई तक पानी बिना टिल्लू पंप के पानी चढ़ाने का दावा था, तीन मीटर भी नहीं चढ़ पा रहा।
-54 करोड़ रुपए की लागत से जलालपुर में 160 एमएलडी डब्ल्यूटीपी स्थापित किया गया, इससे 54 टंकियों को भरने का दावा है, लेकिन कुछ टंकियों को ही साफ पानी मिल पा रहा है।
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