इन दिनों जेएएच के बर्न यूनिट के साथ सबसे ज्यादा बुरा हाल काॅर्डियोलोजी के मरीजों का भी है। यहां के एसी सिर्फ दिखावे के लिए चलते हैं। मरीजों को इसकी हवा तक नहीं आती है। यहां आने वाले मरीज और उनके परिजन सिर्फ गर्मी- गर्मी कहकर दिन में अधिकांश समय वार्ड के बाहर ही आ जाते हैं।
90 एसी और 40 कूलर कंडम
अंचल के सबसे बड़ा अस्पताल में मरीजों के साथ ऑफिसों में एसी और कूूलर लगाए जाते हैं। इनका हर साल मेंटेनेंस भी होता है। इसमें जो रिपोर्ट डीन को सौपी गई है। उसमें जेएएच में लगभग 350 एसी में से 90 एसी और 290 कूलरों में से 40 पूरी तरह से कंडम हो चुके हैं, लेकिन इनको खरीदने की कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। ऐसे में गर्मी का हाल सभी के सामने है।
नई बर्न यूनिट में एसी ही नही
बर्न यूनिट की नई बिल्डिंग कुछ समय पहले ही बनी है। इसमें एसी नहीं है। वहीं पुरानी बर्न यूनिट में दस में से पांच एसी ही चल रहे हैं। ऐसे में कैसे मरीजों को इलाज मिल सकेगा। वहीं यही हाल काॅर्डियोलॉजी का भी है।
ऐसे दिखे हालात
90 एसी और 40 कूलर कंडम
अंचल के सबसे बड़ा अस्पताल में मरीजों के साथ ऑफिसों में एसी और कूूलर लगाए जाते हैं। इनका हर साल मेंटेनेंस भी होता है। इसमें जो रिपोर्ट डीन को सौपी गई है। उसमें जेएएच में लगभग 350 एसी में से 90 एसी और 290 कूलरों में से 40 पूरी तरह से कंडम हो चुके हैं, लेकिन इनको खरीदने की कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। ऐसे में गर्मी का हाल सभी के सामने है।
नई बर्न यूनिट में एसी ही नही
बर्न यूनिट की नई बिल्डिंग कुछ समय पहले ही बनी है। इसमें एसी नहीं है। वहीं पुरानी बर्न यूनिट में दस में से पांच एसी ही चल रहे हैं। ऐसे में कैसे मरीजों को इलाज मिल सकेगा। वहीं यही हाल काॅर्डियोलॉजी का भी है।
ऐसे दिखे हालात
कोई इंतजाम नहीं काॅर्डियोलॉजी में गोहद के पास से आई महिला के परिजन रमेश ने बताया कि दस दिन से हमारा मरीज भर्ती है। यहां पर गर्मी से बचने के लिए कोई भी इंतजाम नहीं है। गर्मी से बुरा हाल है।
दोपहर एक बजे मरीज गैलरी में काॅर्डियोलॉजी में सबलगढ़ आई ममता दोपहर एक बजे गैलरी में घूम रही थीं। महिला ने बताया कि आठ दिन से भर्ती हूं। यहां गर्मी इतनी है कि दिन में बाहर आकर ही चेन मिलता है।
बर्न के मरीजों के लिए काफी जरूरी है एसी बर्न यूनिट प्रभारी डॉ. मुकेश नरवरिया ने बताया कि गर्मी के दिनों में एसी की आवश्यकता हर व्यक्ति को रहती है, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा बर्न के मरीजों को गर्मी में एसी की जरूरत पड़ती है। ऐसे मरीज जिनके घाव हो जाते हैं। वह मरीज जो कपड़े भी नहीं पहन पाते हैं। ऐसे मरीजों को एसी में रहना ही चाहिए। एसी की कमी को लेकर कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को बताया गया है। लेकिन अभी तक एसी की व्यवस्था नहीं हुई है।
अफसरों और डॉक्टरों के कैबिन हो रहे कूल
जहां एक ओर बर्न यूनिट में मरीजों के लिए एसी की कोई व्यवस्था नहीं है, वहीं अफसरों और वरिष्ठ डॉक्टरों के कैबिन ऐसी में पूरी तरह कूल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में मौजूद गंभीर जले हुए मरीजों की किसी को कोई चिंता नहीं है।
जहां एक ओर बर्न यूनिट में मरीजों के लिए एसी की कोई व्यवस्था नहीं है, वहीं अफसरों और वरिष्ठ डॉक्टरों के कैबिन ऐसी में पूरी तरह कूल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में मौजूद गंभीर जले हुए मरीजों की किसी को कोई चिंता नहीं है।
तीन महीने पहले रिपोर्ट दी है जेएएच के एसी और कूलर की स्थिति को देखकर फरवरी में ही डीन को इसकी रिपोर्ट दे दी गई थी। उसके बाद भी कई बार अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। वहीं जो एसी और कूलर ठीक होने की स्थिति में होते है। उनका मेंटनेंस समय- समय पर किया जा रहा है।
स्वाति जैन, एसडीएम पीडब्लूडी हर किसी को एसी नहीं दे सकते जो एसी और कूलर खराब है। उनको ठीक कराया जा रहा है। वहीं हर किसी को नया एसी नहीं दिया जा सकता है। कुछ महीने पहले ही एसी खरीदे गए है। नियमानुसार जो भी प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में आएगा। उस पर विचार किया जाएगा।
आशीष सक्सेना, संभाग आयुक्त पीडब्लूडी को देखना है व्यवस्था जेएएच में मेंटेनेंस का काम पीडब्लूडी को करना है। इसके लिए पीडब्लूडी ने तीन महीने पहले डीन को अपनी रिपोर्ट दे दी है। एसी और कूलर की खरीदने के लिए प्रस्ताव डीन कार्यालय को भेजा है। गर्मी बढ़ते ही अब कुछ विभागों में समस्या आ रही है।
डॉ. आरकेएस धाकड़, अधीक्षक जेएएच