सिंधिया रियासत में चली छोटी रेलगाड़ी बंद, मिट्टी और धूल में समाई पटरियां
सिंधिया रियासत के समय चली छोटी रेल तो बंद हो चुकी है, अब उसका अस्तिव भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। रेल की पटरी भी अब गायब हो रही है स्टेशन वीरान हो रहे हैं।
ग्वालियर
Published: July 05, 2022 06:58:44 pm
ग्वालियर. सिंधिया रियासत के समय चली छोटी रेल तो बंद हो चुकी है, अब उसका अस्तिव भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। रेल की पटरी भी अब गायब हो रही है स्टेशन वीरान हो रहे हैं। रेलवे को भी इसकी सुध नहीं है। रविवार को एक्सपोज टीम ने छोटी रेल के रास्ते और स्टेशन का जायजा लिया तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। पुरानी छावनी पर रेल पटरी को गारे और मिट्टी में दबा कर उस पर कॉलोनी की सड़क डाली जा रही है। लोग बताते हैं रेलवे पुलिस इसकी जांच करने आई थी, लेकिन हुआ कुछ नहींं। इसी तरह मोतीझील और घोसीपुरा पर रेल पटरी धूल मिटटी में समा रही है।
शहर के अंदर से निकल कर मुरैना, सबलगढ़ होकर श्योपुर तक जाने वाली रियासत कालीन छोटी रेल अब नहीं चल रही है। शहर के अंदर इसके घोसीपुरा, मोतीझील और मिलावली स्टेशन तो अब भी हैं, लेकिन सिर्फ छोटी रेल का इतिहास भर बयां कर रहे हैं। इन पर अब न मुसाफिरों की आवाजाही है न रेलकर्मियों की। इसलिए स्टेशन वीरान ठिकाने बन चुके हैं। घोसीपुरा का स्टेशन जुआरियों और नशेबाजोंं का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। यही हालात मोतीझील और मिलावली स्टेशन के हैं।
कॉलोनी की नींव में समाई रेल पटरी
पुरानी छावनी में रेल पटरी पर तो कॉलोनी के अंदर समा गई है। यहां रहने वाले कहते हैं। रेल बंद हुई उसके बाद स्टेशन वीरान हो गया। फिर रेलवे की जगह पर कब्जे शुरू हो गए। रेल पटरी को जद में लेकर कॉलोनी बसाई जा रही है।
यह हैं हालात
घोसीपुरा: रेल पटरी पर झाडिय़ां उग चुकी हैं, पटरी कई जगहोंं पर मिट्टी के अंदर दब गई। स्टेशन के पास सड़क का डामरीकरण हुआ है उसे भी डंबर के अंदर दबा दिया है।
मोतीझील: रेलवे स्टेशन की टाइल्स उखड़ रही हैं, पटरियों पर जंगली झाडिय़ां और पेड़ उगे हैं। रेलवे क्रॉङ्क्षसग का गेट टूट चुका है।
मिलावली स्टेशन: यहां रेल पटरी मिट्टी के अंदर दब चुकी है, स्टेशन की बेंच और सामान टूट चुका है।

सिंधिया रियासत में चली छोटी रेलगाड़ी बंद, मिट्टी और धूल में समाई पटरियां
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
