चैंपियन बनना है इसलिए अप-डाउन करने को भी तैयार: शिल्पा
मुरैना की रहने वाली 23 वर्षीय शिल्पा गौड़ को अभी पावर लिफ्टिंग से खेल जुड़े हुए सिर्फ तीन साल हुए हैं, लेकिन उसने अपनी मेहतन के दम पर राज्य स्तर पर दो पदक जीत लिए हैं। अब उसके हौसले बुंलद है, वह इस खेल में अपना कॅरियर बनाना चाहती है। मुरैना में सुविधाएं कम हैं, इसलिए वह ग्वालियर प्रैटिक्स करने का मन बना रही हैं और इसलिए वह अप-डाउन करने को भी तैयार है। उसका सपना है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना और पदक जीतना।
मुरैना की रहने वाली 23 वर्षीय शिल्पा गौड़ को अभी पावर लिफ्टिंग से खेल जुड़े हुए सिर्फ तीन साल हुए हैं, लेकिन उसने अपनी मेहतन के दम पर राज्य स्तर पर दो पदक जीत लिए हैं। अब उसके हौसले बुंलद है, वह इस खेल में अपना कॅरियर बनाना चाहती है। मुरैना में सुविधाएं कम हैं, इसलिए वह ग्वालियर प्रैटिक्स करने का मन बना रही हैं और इसलिए वह अप-डाउन करने को भी तैयार है। उसका सपना है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना और पदक जीतना।
भाई की देखादेख पावर लिफ्टर बनने का फैसला लिया : रोशनी
मुरैना की 14 वर्षीय रोशनी पचौरी को देखकर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि वह पावर लिफ्टिंग जैसे खेल में बड़ी ही आसानी से अपने से ज्यादा वजन को उठा लेती होंगी, लेकिन यह सच है। अपने भाई को वेट उठाते देखा तो पावर लिफ्टिर बनने का फैसला किया। सीहोर में खेली गई पहली राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में हारने के बाद उसका हौंसला नहीं डिगा और वह अब दोगुने जोश के साथ तैयारी में जुटी हैं।
मुरैना की 14 वर्षीय रोशनी पचौरी को देखकर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि वह पावर लिफ्टिंग जैसे खेल में बड़ी ही आसानी से अपने से ज्यादा वजन को उठा लेती होंगी, लेकिन यह सच है। अपने भाई को वेट उठाते देखा तो पावर लिफ्टिर बनने का फैसला किया। सीहोर में खेली गई पहली राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में हारने के बाद उसका हौंसला नहीं डिगा और वह अब दोगुने जोश के साथ तैयारी में जुटी हैं।
रोज छह किमी का रास्ता तय कर पहुंचती हूं प्रैटिक्स करने: राधा
22 वर्षीय राधा यादव एमए की पढ़ाई कर रही है, लेकिन पावर लिफ्टिंग के प्रति उसका जुनून इतना है कि वह रोज करीब छह किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव जिगनी से प्रैक्टिस करने मुरैना आती हैं। मुरैना की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ईशा को देखकर राधा ने पावर लिफ्टिंग खेलना शुरू किया। हाल ही में इंदौर में खेली गई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में राधा ने दो स्वर्ण पदक जीते हैं। पिता खेती करते हैं, लेकिन वह उसको एक बेहतर खिलाड़ी बनना चाहते हैं, इसलिए वह उसका पूरा सहयोग करते हैं।
22 वर्षीय राधा यादव एमए की पढ़ाई कर रही है, लेकिन पावर लिफ्टिंग के प्रति उसका जुनून इतना है कि वह रोज करीब छह किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव जिगनी से प्रैक्टिस करने मुरैना आती हैं। मुरैना की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ईशा को देखकर राधा ने पावर लिफ्टिंग खेलना शुरू किया। हाल ही में इंदौर में खेली गई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में राधा ने दो स्वर्ण पदक जीते हैं। पिता खेती करते हैं, लेकिन वह उसको एक बेहतर खिलाड़ी बनना चाहते हैं, इसलिए वह उसका पूरा सहयोग करते हैं।
रोज जिम में पांच से छह घंटे पसीना बहाती हूं : वैष्णवी
ग्वालियर की 16 वर्षीय वैष्णवी भदौरिया। उम्र भले ही छोटी है, लेकिन लक्ष्य बड़ा है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैष्णवी रोज 5 से 6 घंटे जिम में पसीना बहाती हैं। उसका सपना है कि वह भारत के लिए खेले और देश के लिए पदक जीते। वैष्णवी बताती है कि वह उसने वजन कम करने के लिए जिम ज्वॉइन की थी, लेकिन कोच ने बताया कि वजन ही उसकी ताकत है और वह वेट उठाने में जुट गई।
ग्वालियर की 16 वर्षीय वैष्णवी भदौरिया। उम्र भले ही छोटी है, लेकिन लक्ष्य बड़ा है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैष्णवी रोज 5 से 6 घंटे जिम में पसीना बहाती हैं। उसका सपना है कि वह भारत के लिए खेले और देश के लिए पदक जीते। वैष्णवी बताती है कि वह उसने वजन कम करने के लिए जिम ज्वॉइन की थी, लेकिन कोच ने बताया कि वजन ही उसकी ताकत है और वह वेट उठाने में जुट गई।