ट्रक संचालक: आपने क्या कहा, गाड़ी खड़ी कर दो, रॉयल्टी छड़़ा ली आपने?
ट्रक संचालक – हमने तीन हजार की रॉयल्टी ली है, हम पैसा नहीं दे पायंगे। दूसरी ओर: कभी कभी देख लिया करो?
ट्रक संचालक- पैसे में बिलकुल नहीं दे पाऊंगा? माइनिंग को बुला रहा हूं, मैं गाड़ी चेक कराऊंगा।
ट्रक संचालक: भाई बंद पैसों में नहीं होता है, पैसे आप वसूली कर रहे हो, मैं कह रहा हूं, कि भाई बंदी में कोई मुझे दे दे, दे देगा क्या? हम खेती कर रहे हैं, आप भी करो, पैसे कमाओ?
ट्रक मालिक- हलो, अब बोलो पहले आवाज नहंीं आ रही थी। दूसरी ओर-सिस्टम में जो चलता है न, वो करवा दिया करो न यार, 50 रुपया करवा दिया करो।
ट्रक मालिक-काये के लिये करवा दिया करें, अंडर लोड चल रहे हैं।
ट्रक मालिक-जो आप मालनपुर पर एंट्री ले रहे हो, वह भी गलत है, हम सभी दो नंबर में काम नहीं कर रहे हैं, फिर काये के 50 रुपये करवा दिया करें।
ट्रक मालिक-आपको मैं सुबह आकर वहीं मिल लूंगा। क्या नाम है आपका?
ट्रक मालिक-ड्राइवर पर रुपये नहीं हैं अभी। आप गाड़ी खड़ी करवा दो।
ट्रक मालिक-मेरी गाड़ी अंडरलोड आई है। फिर भी आप कह रहे हो कि 50 रुपये दे दो, रास्ते में दस जगह देना पड़े तो 500 रुपये तो ऐसे ही चले जाएंगे।
ट्रक मालिक- भाईसाहब ड्राइवर के पास पास पैसे नहंी हैं।
-मालनपुर थाने से 500 मीटर पहले गाडिय़ों को रोक लिया जाता है, फिर 100 रुपए एंट्री मांगी जाती है। हम अभी अंडर लोड गाड़ी ले जा रहे हैं और वैध रॉयल्टी भी हम लेकर चल रहे हैं।
-हमारी चार गाड़ी रोक ली थी, सिविल लाइन थाने मुरैना में रोक लीं थीं, यह कहते हैं रॉयल्टी लाओ या मत लाओ, हमको तो एंट्री देना पड़ेगा। बाद में 500-500 रुपये लेकर छोड़ा गया है।
-रात 3 बजे मुरैना सिविल लाइन थाने के पास भी चार धौलपुर वाले संचालक की और चार अन्य गाड़ी रोकी हैं। एंट्री लगातार वसूली जा रही है। इसी वसूली को रोकने के लिये हमने एक नंबर में चलने का निर्णय लिया है। हमारी मीटिंग है, इसके बाद हम आईजी से मिलेंगे।