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गांव वालों ने ऐसे की जुगाड़ कि 120 फीट नीचे उतरा भूजल आ गया ऊपर

locationग्वालियरPublished: Jul 13, 2019 06:02:46 pm

घाटीगांव-भितरवार की सीमा से लगे दो गांव और तीन छोटे मजरों के लोगों ने जल संकट से परेशान होकर मेहनत की तो जमीन में 60 फीट पर ही पानी मिलने लगा।

ground water

गांव वालों ने ऐसे की जुगाड़ कि 120 फीट नीचे उतरा भूजल आ गया ऊपर

ग्वालियर. घाटीगांव-भितरवार की सीमा से लगे दो गांव और तीन छोटे मजरों के लोगों ने जल संकट से परेशान होकर मेहनत की तो जमीन में 60 फीट पर ही पानी मिलने लगा। जबकि पिछले साल यहां भूमिगत जलस्तर 120 से 150 फीट पर था। चेकडैम आदि के लिए स्वीकृत हुए कामों को यहां के ग्रामीणों ने अपना समझकर किया तो यह गांव पानी से धनी होने लगे हैं। ग्रामीणों की मेहनत और प्रशासनिक स्तर पर तकनीकी मार्गदर्शन ने इन चारों जगह पर जलभराव की क्षमता 1 लाख 37 हजार घनमीटर तक पहुंचा दी है। इस पानी से आसपास की 70 हैक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई हो सकेगी। लगभग सभी हैंडपंप रीचार्ज हो गए हैं और जिन कुओं में पानी नहीं था उनमें भी अब पानी आ गया है। इन कामों पर जनभागीदारी के साथ 1 करोड़ 6 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
यहां मिली सफलता
– बड़ेराभारस पंचायत के ग्राम तोड़ा और पंजाब सिंह का पुरा, यादव का पुरा, जुझारपुरा, सुल्तान सिंह का पुरा में मनरेगा से चेकडैम और रिंगबंड बनाए गए हैं।
– चारों जगह मनरेगा के मद से काम किया गया है, गांव के मजदूरों को उसके बदले पैसा भी मिला है।
– तोड़ा गांव में नाले पर चेकडैम पर 14 लाख 35 हजार रुपए और बड़ेरा नाला पर चेकडैम बनाने पर 30 लाख 81 हजार रुपए खर्च हुए।
– दो कामों के लिए ग्रामीणों ने राशि इक_ी की और गांव के जलस्तर को सही करने के लिए खर्च की।
यह हुआ फायदा
– सुल्तान सिंह का पुरा में 1200 घनमीटर जगह में पानी है और 4 हैक्टेयर में सिंचाई हो रही है।
– पंजाब सिंह का पुरा में 6800 घनमीटर में पानी है और 3 हैक्टेयर में सिंचाई की सुविधा मिली है।
– यादव का पुरा में 4100 घनमीटर में पानी है और 2 हैक्टेयर जगह में सिंचाई की सुविधा मिली है।
– तोड़ा नाला में 37,000 घनमीटर जगह में पानी है और 20 हैक्टेयर जगह में सिंचाई की हो सकेगी।
– बड़ेरा नाला पर 44,000 घनमीटर जगह में पानी है।
– जुझारपुर में पानी का भराव क्षेत्र 36,000 घनमीटर हो गया है।

यहां भी जन भागीदार
– मुरार में तैयार किए गए 101 तालाबों में से 4 का गहरीकरण करने में लोगों ने हिस्सा लिया।
– बरई में 56 तालाबों में से 4 का गहरीकरण आमजन ने किया।
– डबरा में 186 तालाबों में से 12 का गहरीकरण आमजन ने प्रशासन के साथ मिलकर कराया है।
– मुरार में 102 तालाबों में से 4 का गहरीकरण जन सहयोग से हुआ।
यहां चल रहा काम
– डबरा के लदेरा, सूखापठा, जौरासी, मेहगांव, पुट्टी, सिहोना, लोहगढ़, सिरसा और सिसगांव में 12 नए तालाबों का निर्माण हो रहा है।
– जन सहयोग से बन रहे यह तालाब लगभग पूरे हो चुके हैं।
– क्षेत्र में 8 से 10 पंचायतों का समूह बनाकर जल सम्मेलन भी आयोजित हो रहे हैं, ताकि लोग पानी के महत्व को समझकर संरक्षण करने के लिए प्रेरित हों।
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