उत्कल एक्सप्रेस में बिना बिल के चांदी के आभूषण व बिस्किट के साथ युवक पकड़ा
ग्वालियरPublished: Sep 27, 2022 08:32:58 pm
दो बैग में सात किलो चांदी के आभूषण व बिस्किट लेकर उत्कल एक्सप्रेस से बिलासपुर से मथुरा जा रहे एक युवक को मुखबिर से मिली पिन प्वाइंट सूचना पर रनिग ट्रेन के स्लीपर कोच...


उत्कल एक्सप्रेस में बिना बिल के चांदी के आभूषण व बिस्किट के साथ युवक पकड़ा
दो बैग में सात किलो चांदी के आभूषण व बिस्किट लेकर उत्कल एक्सप्रेस से बिलासपुर से मथुरा जा रहे एक युवक को मुखबिर से मिली पिन प्वाइंट सूचना पर रनिग ट्रेन के स्लीपर कोच से ग्वालियर से मुरैना के बीच चांदी के आभूषणों के साथ पकडकऱ वापस ग्वालियर लाकर कार्रवाई के लिए जीएसटी को सौप दिया। आरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार स्पेशल सीपीडी टीम व आरपीएफ असफरों को मुखबिर से पिन प्वाइंट सूचना मिली थी कि एक युवक लाखों रुपए के चांदी के आभूषण साथ लेकर उत्कल एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में सफर कर मथुरा जा रहा है। इसी सूचना पर स्थानीय आरपीएफ स्टाफ व सीपीडी की टीम उत्कल एक्सप्रेस के ग्वालियर पहुंचते ही बताए गए स्लीपर कोच में सादा वर्दी में सवार हो गई। ट्रेन के चलते ही सीपीडी टीम बताई गई आरक्षित सीट नंबर पर बैठे युवक के पास जा पहुंची। टीम को देख युवक के पसीना आने लगा। टीम ने जब बैग की तलााशी लेने को कहा तो युवक बोला इसमें मेरे पहनने के कपड़े रखे हुए है। जब बैग की तलाशी ली तो स्क्वाड की आंखे फटी रह गईं। क्योंकि तलाशी के दौरान बैग से चांदी के आभूषण के साथ ही बिस्किट पन्द्रह मिनट की तलाशी के दौरान बैग से निकलते रहे। युवक को पकडऩे वाली टीम में उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह राजावत, अनिल कु मार सिंह, दीपेन्द्र सिंह भदौरिया, शकील खान व राजकुमार तोमर शामिल थे।
बिना बिल के ले जा रहा था सामान
आरपीएफ की सीपीडी टीम के हाथ लगा युवक काल्पनिक नाम प्रकाशचंद्र उम्र 42 साल निवासी आगरा यूपी होना बताया है। जब आरपीएफ टीम ने आभूषण संबंधी बिल मांगे तो युवक जीएसटी बिल नहीं दिखा सके। आरपीएफ की हिरासत में बैठे युवक ने बताया कि वह मथुरा से चांदी के आभूषण तैयार करवाकर उसे उड़ीसा के सोने-चांदी कारोबारियों को बिक्री करने के लिए ले जाता था।
इनका कहना है
आरपीएफ की सीपीडी टीम व स्थानीय स्क्वाड ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक युवक को सात किलो तीन सौ ग्राम चांदी के आभूषण के साथ पकड़ा है। मामला टेक्स से जुड़ा होने जीएसटी को सौप दिया गया है।
संजय आर्या, टीआई आरपीएफ