रंगमंच ऐसी विधा है, जो व्यक्तित्व विकास में मदद करती है। हर एक चीज में परिपक्व बनाती है। खुद डिसीजन लेने, चुनौतियों का सामना करन, टीम को लीड करने, हार्डवर्क और नया खोजने की क्षमता पैदा करती है। दरअसल यह ईश्वर का दिया ऐसा उपहार है, जो मानव को शिक्षा और मनोरंजन दोनों प्रदान करता है। लेकिन विडम्बना इस बात की है कि आज की युवा पीढ़ी कम समय में बहुत ज्यादा हासिल करना चाहती है। इसके लिए वह तमाम प्रयास करती है। हर तरह के हथकंडे अपनाती है, लेकिन यह सफल भविष्य की निशानी नहीं है। आज जितने भी बड़े नाम हैं, उन्होंने संघर्ष किया है। चुनौतियों का सामना किया है। दिन-रात अथक मेहनत की है। हर परिस्थिति में अपने आपको ढाला है। तभी आज वह शिखर पर हैं। इसलिए युवा शॉर्ट कट को सफलता की निशानी न समझें। मेहनत कर आगे बढ़ें।
थिएटर से खुलते हैं कॅरियर के द्वार
रंगमंच से मानसिक विचारों का विकास होता है। भले ही वह कलाकार न बने, लेकिन व्यक्ति की सफलता में सहायक है। रंगमंच से आप व्यक्तित्व के धनी तो होते ही हैं, साथ ही एकेडमिक, सिनेमा जगत, विज्ञापन जगत से जुड़ीं तमाम पोस्ट में कॅरियर बना सकते हैं। सरकार की बहुत सी योजनाओं की मदद से आप सक्सेस पा सकते हैं। युवा पीढ़ी यदि कला के क्षेत्र में जाना चाहती है तो अपना लक्ष्य निर्धारित करें। उद्देश्य खुद की सफलता के साथ समाज को साथ लेकर चलने की रखे।
संजय लघाटे, सचिव, आर्टिस्ट कंबाइन ग्वालियर
रंगमंच से मानसिक विचारों का विकास होता है। भले ही वह कलाकार न बने, लेकिन व्यक्ति की सफलता में सहायक है। रंगमंच से आप व्यक्तित्व के धनी तो होते ही हैं, साथ ही एकेडमिक, सिनेमा जगत, विज्ञापन जगत से जुड़ीं तमाम पोस्ट में कॅरियर बना सकते हैं। सरकार की बहुत सी योजनाओं की मदद से आप सक्सेस पा सकते हैं। युवा पीढ़ी यदि कला के क्षेत्र में जाना चाहती है तो अपना लक्ष्य निर्धारित करें। उद्देश्य खुद की सफलता के साथ समाज को साथ लेकर चलने की रखे।
संजय लघाटे, सचिव, आर्टिस्ट कंबाइन ग्वालियर