मंदिर के पास रहने वाले डॉ. ओमप्रकाश जैन ने बताया जैसवाल जैन मंदिर गेरूवाला बंगला परिसर में है। मंदिर करीब 30 साल पुराना है, चोर रात करीब 1 बजे के बाद मंदिर में घुसा। 12 बजे तक लाइट नहीं थी इसलिए यहां रहने वाले बाहर ही बैठे थे। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर मेनगेट में ताला रहता है, उसे सब्बल से तोडकऱ चोर पहली मंजिल पर गया। यहां पहुंचकर उसने दरवाजे को अंदर से बंद किया। गर्भगृह पर स्टील के दरवाजे लगे हैं, हवा आने के लिए उनमें करीब डेढ़ फीट की ग्रिल लगी थी।
अंदर दाखिल होने के लिए चोर ने ग्रिल उखाड़ी। मंदिर में भगवनाथ पाŸवनाथ की करीब 8 इंच की पीतल, भगवान अनंतनाथ की 4 इंच ऊंची और चंद्राप्रभू भगवान की 7 इंच की सफेद धातु की प्रतिमाएं थीं। इन्हें चोर ने उठा लिया। आशंका है पीतल और सफेद धातु की प्रतिमाओं को उसने सोने और चांदी की मूर्तियां समझा है। मंदिर में अलमारी रखी थी उसमें चांदी के करीब एक किलो वजन के बर्तन उठाए गुप्तदान की दो गुल्लक में से एक को तोड़ा और उसमें स मिले रुपए समेटे और रेजगारी वहीं छोड़ गया।
चोरी गए चांदी के बर्तन और चढ़ौत्री करीब एक लाख की है। चोरी का पता चलने पर पुलिस फिंगर प्रिंट टीम को लेकर पहुंच गई। आशंका जाहिर की है चोरी करने वाला नशेड़ी हो सकता है। लोगों को भरोसा दिलाया कि फुटेज में उसके हुलिए और चाल ढाल से उसकी पहचान की कोशिश की जाएगी।
चोर को मंदिर के बारे में थी जानकारी
डॉ. जैन ने बताया कि मंदिर में सीसीटीवी लगे हैं, उनमें चोर का मूवमेंट रेकॉर्ड हुआ है। उसकी हरकतों से लगता है कि उसे मंदिर के बारे में जानकारी रही है। उसे पता था कि मंदिर में कैमरे लगे हैं इसलिए पहचान छिपाने के लिए साफी बांधकर आया था। पहली मंजिल पर आकर उसने सबसे पहले कैमरा घुमाकर दूसरी तरफ किया, फिर चोरी की।
स्टोर समझ छोड़ा, बचा चांदी का सामान
मंदिर के एक कमरे में चांदी का काफी सामान रखा था, लेकिन इसमें इन दिनों चावल के बोरे रखे थे, चोर ने उस तरफ ध्यान नहीं दिया उसे स्टोर समझा तो अंदर झांका नहीं। इस कमरे में मंदिर के कुछ ही लोगों का आना जाना रहता है।