देशभर से आए भक्तों में थी भगवान जगन्नाथ के दर्शन की अभिलाषा
दूसरे दिन सुबह 11 बजे भुवनेश्वर से टैक्सी कार लेकर हम लोग दोपहर 2 बजे जगन्नाथ पुरी पहुंचे। यहां एक रिसोर्ट में रुके और शाम 5 बजे जगन्नाथ मंदिर दर्शन के लिए रवाना हुए। मंदिर मे दर्शनार्थियों की बहुत भीड़ थी। हजारों लोग हाथ जोड़े भगवान जगन्नाथ के दर्शन को खड़े थे। इनमें देशभर से दर्शक शामिल थे। पता करने पर मालूम चला कि यहां पूरे वर्ष ऐसी ही भीड़ रहती है। हमने अपने लोकल मित्र की मदद से वीआइपी दर्शन किए।
दूसरे दिन सुबह 11 बजे भुवनेश्वर से टैक्सी कार लेकर हम लोग दोपहर 2 बजे जगन्नाथ पुरी पहुंचे। यहां एक रिसोर्ट में रुके और शाम 5 बजे जगन्नाथ मंदिर दर्शन के लिए रवाना हुए। मंदिर मे दर्शनार्थियों की बहुत भीड़ थी। हजारों लोग हाथ जोड़े भगवान जगन्नाथ के दर्शन को खड़े थे। इनमें देशभर से दर्शक शामिल थे। पता करने पर मालूम चला कि यहां पूरे वर्ष ऐसी ही भीड़ रहती है। हमने अपने लोकल मित्र की मदद से वीआइपी दर्शन किए।
लाइट एंड साउंड शो से जाना कोणार्क मंदिर का इतिहास
तीसरे दिन हम कोणार्क मंदिर की यात्रा के लिए रवाना हुए। यात्रा के बीच शाम 5 बजे समुद्र किनारे बीच पर एक घंटे रुककर समुद्र की लहरों का आनन्द लिया। तत्पश्चात शाम 7 बजे कोणार्क मंदिर पहुंचकर चमचमाती लाइट्स से सुसज्जित भव्य मंदिर की सुंदरता देख ठहर से गए। वहां हमने लाइट एंड साउंड शो का भी लुत्फ उठाया, जिसकी मदद से मंदिर का इतिहास जाना।
तीसरे दिन हम कोणार्क मंदिर की यात्रा के लिए रवाना हुए। यात्रा के बीच शाम 5 बजे समुद्र किनारे बीच पर एक घंटे रुककर समुद्र की लहरों का आनन्द लिया। तत्पश्चात शाम 7 बजे कोणार्क मंदिर पहुंचकर चमचमाती लाइट्स से सुसज्जित भव्य मंदिर की सुंदरता देख ठहर से गए। वहां हमने लाइट एंड साउंड शो का भी लुत्फ उठाया, जिसकी मदद से मंदिर का इतिहास जाना।
चार धाम की यात्रा में शामिल है यह तीर्थ स्थल
जगन्नाथ मंदिर 11 वीं शताब्दी में राजा इंद्रद्युम्न द्वारा बनवाया था। यह गौरवशाली मंदिर भगवान जगन्नाथ का निवास है, जो भगवान विष्णु का एक रूप हैं। यह हिंदुओं के लिए सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल है और बद्रीनाथ, द्वारका, रामेश्वरम के साथ पवित्र चार धाम यात्रा में शामिल है। मुख्य मंदिर के अलावा, परिसर के भीतर कई छोटे मंदिर देख ऐसा महसूस हुआ मानो हम भगवान के घर में प्रवेश कर रहे हों। हमें मंदिर की उडिय़ा वास्तुकला बेहद खूबसूरत लगी। चार द्वारों को जटिल नक्काशी के साथ खूबसूरती से डिजाइन किया गया है।
केदार नाथ गुप्ता, बिजनेसमैन
जगन्नाथ मंदिर 11 वीं शताब्दी में राजा इंद्रद्युम्न द्वारा बनवाया था। यह गौरवशाली मंदिर भगवान जगन्नाथ का निवास है, जो भगवान विष्णु का एक रूप हैं। यह हिंदुओं के लिए सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल है और बद्रीनाथ, द्वारका, रामेश्वरम के साथ पवित्र चार धाम यात्रा में शामिल है। मुख्य मंदिर के अलावा, परिसर के भीतर कई छोटे मंदिर देख ऐसा महसूस हुआ मानो हम भगवान के घर में प्रवेश कर रहे हों। हमें मंदिर की उडिय़ा वास्तुकला बेहद खूबसूरत लगी। चार द्वारों को जटिल नक्काशी के साथ खूबसूरती से डिजाइन किया गया है।
केदार नाथ गुप्ता, बिजनेसमैन