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20 फीसदी ट्यूशन फीस बढ़ाने की तैयारी थी, ईसी मेंबरों ने विरोध किया तो वापस लेना पड़ा प्रस्ताव

locationग्वालियरPublished: Jun 02, 2019 08:00:20 pm

Submitted by:

Rahul rai

प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही अधिकतर सदस्य और कुछ अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि छात्रों पर एक साथ इतना आर्थिक भार बढ़ाया जाना गलत है। सदस्यों ने कहा कि फीस में वृद्धि की तो विरोध शुरू हो सकता है। इसके बाद अधिकारियों को यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा।

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20 फीसदी ट्यूशन फीस बढ़ाने की तैयारी थी, ईसी मेंबरों ने विरोध किया तो वापस लेना पड़ा प्रस्ताव

ग्वालियर। आचार संहिता हटने के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक शनिवार को कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सत्र 2019-20 के लिए ट्यूशन फीस में 20 फीसदी बढ़ोतरी किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही अधिकतर सदस्य और कुछ अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि छात्रों पर एक साथ इतना आर्थिक भार बढ़ाया जाना गलत है। सदस्यों ने कहा कि फीस में वृद्धि की तो विरोध शुरू हो सकता है। इसके बाद अधिकारियों को यह प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। दरअसल, विवि ने चतुराई से फीस वृद्धि करने की कोशिश की थी, लेकिन कार्यपरिषद में तीखे विरोध के बाद प्रस्ताव न सिर्फ वापस कर दिया गया, बल्कि एजेंडे से भी विलोपित कर दिया गया है।
इस बिंदु पर हुई तीखी नोंकझोंक के बाद कुलसचिव डॉ.आईके मंसूरी ने नवनियुक्त कार्यपरिषद सदस्य प्रो. एके हल्वे एवं अनूप अग्रवाल के पहली बार बैठक में शामिल होने पर स्वागत किया। छात्रों का परीक्षा परिणाम तैयार करने वाली नागपुर की कंपनी माइक्रो प्रो के खिलाफ कार्यपरिषद में प्रस्ताव तो लाया गया, लेकिन इस पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। न तो कार्यपरिषद सदस्य और न ही कुलपति एजेंसी के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई कर सकीं। सत्र 2019-20 से ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय ईसी ने पास कर दिया है। ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के लिए ग्वालियर सहित देश के 10 शहरों में केन्द्र बनाए गए हैं। परीक्षा का आयोजन एमपी ऑनलाइन के जरिए कराया जाएगा।
संबद्धता पर असहमति
बैठक में नए महाविद्यालयों को संबद्धता देने के लिए प्रकरण रखे गए तो उनमें विसंगतियां पाई गईं। इसके बाद ईसी मेंबर अनूप अग्रवाल ने कहा कि संबद्धता प्रदान करने में नियमों का पालन करने में उदासीनता बरती गई है। इन प्रकरणों में बहुत विसंगतियां हैं, ऐसे में संबद्धता कैसे दी गई। उन्होंने कहा कि डीसीडीसी द्वारा पत्रावलियों का अवलोकन किया जाए और किसी भी प्रकरण में कमी मिले तो अगली बैठक में जानकारी दी जाए। संबद्ध महाविद्यालयों का रैंडम निरीक्षण भी कराएं।
इन बिंदुओं पर बनी सहमति
-प्रवेश परीक्षा के लिए अलग-अलग मद जिनमें परीक्षा आयोजित कराना, मूल्यांकन और वीक्षण कार्य के लिए 7 लाख रुपए की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई।
-प्रवेश विवरणिका, विविध शुल्क एवं अन्य विवरण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई।
-सत्र 2019-20 के लिए विश्वविद्यालय प्रॉस्पेक्टस प्रारूप का अनुमोदन किया गया। -स्थायी समिति के विवरणों का अनुमोदन किया गया।
-विद्या संबंधी योजना एवं मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार विश्वविद्यालय में नवीन पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने पर स्वीकृति प्रदान कर कार्य विवरण का अनुमोदन किया गया।
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