पिछले आठ महीने में भारी वाहनों के कारण शहर में बहुत आए दिन हादसे हो रहे थे, जिनमें एक दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अधिकारियों के अनुसार आरओबी के दाएं हिस्से पर फिलहाल मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ है, इसके शुरू होने के लिए अभी इंतजार करना होगा। दरअसल, रेलवे द्वारा इसकी मरम्मत की तकनीक को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। रेलवे से एनओसी मिलने के बाद ही एनएचएआई द्वारा दूसरे हिस्से की मरम्मत का काम शुरू किया जा सकेगा।
कतार लगती थी, अब आसानी से गुजरे वाहन
रायरू स्थित आरओबी का बायां हिस्सा अगस्त-2018 में क्षतिग्रस्त होने से भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था, जबकि दायां हिस्सा 2014 में खराब होने से भारी वाहनों के लिए बंद हो चुका था। ऐसे में आगरा और झांसी की ओर जाने वाले भारी वाहन डीडी नगर, गोला का मंदिर, पुरानी छावनी, मोतीझील होते हुए गुजरने से जाम के हालात बन जाते थे। गोला का मंदिर चौराहे से डीडी नगर की ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रहती थी। कॉलोनियों के लोग सडक़ क्रॉस तक नहीं कर पाते थे। आरओबी शुरू होने से यहां वाहन आसानी से चला और किसी प्रकार की समस्या लोगों को नहीं आई।
शहर से भारी वाहनों के गुजरने के कारण आए दिन हादसे होते थे। गोला का मंदिर चौराहे पर ही 50 अधिक हादसे पिछले आठ महीने में हुए। यहां दो अलग-अलग घटनाओं में स्कूटी सवार बहनों और एक व्यक्ति को ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें एक युवती और व्यक्ति की जान चली गई थी। प्रेस्टीज कॉलेज के सामने बाइक सवार दो छात्रों को ट्रक ने कुचल दिया था। भारी वाहनों के शहर के होकर गुजरने से हादसों में एक दर्जन से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी। इसके अलावा ट्रैफिक कंट्रोल करना भी मुश्किल हो गया था, गोला का मंदिर पर सीमेंट के डिवाइडर भी लगाए, इसके बावजूद यहां हादसे हो रहे थे। अब हादसों से मुक्ति मिल जाएगी।
झांसी और आगरा की ओर जाने वाले भारी वाहन अब शहर से नहीं गुजरेंगे, इससे गोला का मंदिर पर लगने वाले जाम और आए दिन होने वाले हादसों से लोगों को निजात मिल गई है। ट्रैफिक व्यवस्था भी अब ढर्रे पर आ जाएगी।
अरविंद दांगी, टीआई ट्रैफिक
मनोज शर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण