जेएएच में भी ICU में सभी 56 बेड फुल हैं। यदि काेराेना से बच्चे प्रभावित हुए ताे उन्हें भर्ती कैसे और कहां करेंगे, यह सवाल उठ रहा है. जानकारों के अनुसार यहां कम से कम 150 बेड का इंतजाम करना हाेगा। इधर मुरार जिला अस्पताल में मेडिसिन ICU शुरू तो हो गया है पर अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की दरकार है. जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक ICU भी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
यहां 10 बेड का पीडियाट्रिक ICU बना है. स्वास्थ्य विभाग के पीएस ने कुछ दिन पहले ICU शुरू करने के निर्देश भी दिए थे। इस संबंध में जिले के CMHO का कहना है कि इसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। सभी तैयारी हो चुकी है और स्टाफ को इसके लिए उचित ट्रेनिंग दी जा रही है।
इधर सिविल अस्पताल हजीरा में भी पीडियाट्रिक ICU का काम शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे ओमिक्रान का दुष्प्रभाव बढता है और बच्चे प्रभावित होते हैं तो उनके इलाज के लिए कोई सुविधा ही नहीं होगी। सबसे बुरी बात तो यह है कि अस्पताल में पीडियाट्रिक विशेषज्ञ ही नहीं है। सिर्फ नर्सिंग स्टाफ है।