इन्होंने बचाई लोगों की जान आप भी बचा सकते हैं किसी का जीवन
ग्वालियर. नमन कुमार नायक पेशे से शास्त्री पंडित हैं। वह पूजा पाठ कराते हैं, लेकिन इन सबके बीच शहर में जब भी किसी को रक्त की जरूरत पड़ती है वह हमेशा तैयार रहते हैं। 2006 में रक्तदान करना शुरू किया था और वह आज भी जारी है। अभी तक 63 बार रक्तदान कर कई लोगों की जान बचा चुके हैं। इसी प्रकार तकनीशियन की जॉब करने वाले विजय मालवनकर ने 2006 में रक्तदान की शुरूआत की थी। इसके बाद वह कभी पीछे नहीं हटे और जब भी लोगों को रक्त की जरूरत पड़ी वह हमेशा तैयार रहे। यही कारण है कि 13 साल में 73 बार रक्तदान कर चुके हैं। सूचना मिलते ही पहुंच जाते है रक्तदान करने किसी भी जरूरतमंद को यदि समय पर रक्त मिल जाए तो उसकी जान को बचाया जा सकता है। वहीं थैलेसीमिया के मरीजों को तो महीने में एक बार रक्त की जरूरत पड़ती है। अगर इन्हें समय पर रक्त नहीं मिले तो इनका बचना मुश्किल हो जाता है। रक्तदान महादान को ध्येय मानकर शहर के लोग भी इस मुहिम में जुटे हैं। आप इन्हें जानते हो या नहीं बस किसी भी तरह इन लोगों को पता चलता है कि किसी जरूरतमंद को रक्त की जरूरत है तो यह लोग पहुंच जाते हैं रक्तदान करने। अपने अपने कार्य क्षेत्र से समय निकालकर रक्तदान जरूर करते हैं। कोई 73 तो कोई 66 बार रक्तदान कर चुका है। यह लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी करते हैं।