सीबीआइ के जवाब का इंतजार, कार्रवाई करेंगे
कोतवाली टीआइ दामोदर गुप्ता ने कहा, फ्रॉड की रकम करोड़ो में होने की वजह से जांच का अधिकार सीबीआइ को है। इसलिए केस ट्रांसफर करने के लिए खत लिखा गया था लेकिन करीब तीन महीने से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी जांच एजेंसी ने कोई जवाब नहीं दिया है। बैंक में फ्रॉड के कई आवेदन और हैं। उनकी जांच की जा रही है। जल्द ही कार्रवाई होगी।
यह है मामला
यूनियन बैंक में ग्राहकों के खातों से फरेब हो रहा है जनजातीय विभाग ने गोरखधंधा पकड़ा था। विभाग के तीन खाते भी यूनियन बैंक में है। उनके जरिए छात्रों को स्कॉलरशिप बांटी जाती थी। इन खातों में करीब 34 लाख 27 हजार 555 रु जमा थे। विभाग ने जब तीनों खातों का स्टेटमेंट निकाला तो पता चला कि बैंक ने बिना रजामंदी के खातों में जमा रकम को चंद्रभान गुर्जर, श्री सांंई साडी और लवलेश बंसल के खातों में ट्रांसफर किया है। विभाग के लेखापाल ओमप्रकाश शर्मा की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने बैंक स्टाफ पर केस दर्ज कर पड़ताल की तो पता चला कि ग्राहकों के खाते से चोरी छिपे ऑन लाइन पैसा शराब माफियाओं और ठेकेदारों के खातों में भेजा जाता है। यह धंधा बैंक का असस्टिेंट मैनेजर हिंमाशु चलाता था। उसे बैंक में साइलेंट एकाउंट की जानकारी थी। ऐसे कई खातों से करीब 30 करोड से ज्यादा की हरकत का हेरफेर किया था।