हाईकोर्ट में जब भी तलघर मामले की सुनवाई होती है, उससे पहले निगम कोई न कोई कार्रवाई करने का दावा करती है। सुनवाई में अधिकारी कार्रवाई का हवाला देकर मामले में पर्दा डालने का कार्य करते हैं। इस बार भी यही किया गया है, निगम अधिकारियों ने सभी 933 तलघर के भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा है। क्योंकि 10 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई होनी है। निगम अधिकारियों की मानें तो इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस अधिकारी के रहते इनका निर्माण किया गया। यह भी पता चलेगा कि जो निर्माण किया गया है वह अनुमति के अनुरूप है या नहीं।
नगर निगम ने जिन लोगों को नोटिस जारी कर कम्प्लीशन सर्टिफिकेट मांगा है उनमें खलबली मची हुई है। कई भवन 60 से 70 साल पुराने हैं, उनका पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। लोगों का कहना है इतने पुराने भवनों के दस्तावेज कहां से उपलब्ध कराएंगे।
अवैध निर्माण की जानकारी मिलेगी
निगम के अनुसार इससे अवैध निर्माण की जानकारी भी मिलेगी। दरअसल, पूर्णता प्रमाण पत्र लोग इसलिए नहीं लेते हैं कि अगर वह लेंगे तो अधिकारी मौके पर जाएंगे और यह चैक करेंगे कि जो अनुमति दी गई थी निर्माण उसके अनुसार ही किया गया है या नहीं। नोटिस मिलने पर लोग निगम अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं और मामले को किसी भी तरह रफा दफा करने की बात कर रहे हैं।
कई फाइलें नहीं मिल रहीं
कई भवन स्वीकृति की फाइलें ही नहीं मिल रही हैं, इसलिए इन सभी को पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा है। जिससे यह साफ हो जाएगा कि जो अनुमति दी गई थी उसके अनुसार ही निर्माण किया है और किस अधिकारी ने पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया है। जो लोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
राजेश श्रीवास्तव, अपर आयुक्त नगर निगम