चार बिंदुओं पर काम तो हत्या का हुआ राजफाश
पुलिस ने जब लूट और हत्या के मामलों पर गहनता से जांच की तो दोनों वारदातों में चार बिंदूओं का तालमेल मिला। पहली दोनों वारदातें रात को 1.30 बजे के बाद हुई थी। दूसरी दोनों ही नशे के अड्डे हैं। सुनारों की बगिया में महिला नशा बेचती है, इसलिए भूरा वहां जाता था। सत्यनारायण की टेकरी पर गली में नशा करता था। तीसरा दोनों ही घरों के दरवाजे रात को खुले रहते थे। जुग्गो चलने फिरने में लाचार थी इसलिए दरवाजा खुला रहता था। संजय के दरवाजे की कुंदी खराब थी इसलिए दरवाजा बंद नहीं था। चौथा सत्यनारायण की टेकरी का दूसरा सिरा घोसीपुरा में सुनारों की बगिया के ठीक सामने खुलता है। दोनों की दूरी बराबर थी।
पुलिस ने जब लूट और हत्या के मामलों पर गहनता से जांच की तो दोनों वारदातों में चार बिंदूओं का तालमेल मिला। पहली दोनों वारदातें रात को 1.30 बजे के बाद हुई थी। दूसरी दोनों ही नशे के अड्डे हैं। सुनारों की बगिया में महिला नशा बेचती है, इसलिए भूरा वहां जाता था। सत्यनारायण की टेकरी पर गली में नशा करता था। तीसरा दोनों ही घरों के दरवाजे रात को खुले रहते थे। जुग्गो चलने फिरने में लाचार थी इसलिए दरवाजा खुला रहता था। संजय के दरवाजे की कुंदी खराब थी इसलिए दरवाजा बंद नहीं था। चौथा सत्यनारायण की टेकरी का दूसरा सिरा घोसीपुरा में सुनारों की बगिया के ठीक सामने खुलता है। दोनों की दूरी बराबर थी।