scriptट्रेनों की 186 बोगियों की धुलाई में बह रहा हजारों गैलन पानी | Thousands of gallons of water flowing in the washing of 186 bogies of | Patrika News

ट्रेनों की 186 बोगियों की धुलाई में बह रहा हजारों गैलन पानी

locationग्वालियरPublished: Feb 27, 2019 08:46:59 pm

गर्मी आते ही शहर में पानी की मारामारी शुरू हो जाती है, लेकिन आम नागरिकों को पानी बचाने की सलाह देने से अफसर नहीं चूकते हैं। पिछले एक साल से शहर

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ट्रेनों की 186 बोगियों की धुलाई में बह रहा हजारों गैलन पानी

ग्वालियर. गर्मी आते ही शहर में पानी की मारामारी शुरू हो जाती है, लेकिन आम नागरिकों को पानी बचाने की सलाह देने से अफसर नहीं चूकते हैं। पिछले एक साल से शहर में पानी की सप्लाई एक दिन छोडकऱ की जा रही है लेकिन इन सब से रेलवे को कोई लेना देना नहीं है। रेलवे काफी समय से ट्रेनों की धुलाई में हर रोज लाखों लीटर पानी नालियों में बहा रहा है। रेलवे यार्ड में ग्वालियर से चलने वाली लगभग 11 ट्रेनों में 186 बोगियों को पानी से धोया जाता है। यह पानी रेलवे नालियों में बहाकर बर्बाद कर देता है। रेलवे के यार्ड में सुबह से ही बोगियों की धुलाई के लिए लाइनें लग जाती हैं। देखने वाली बात है कि धुलाई के समय रेलवे के संबंधित कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं जाते हैं। मॉनिटरिंग नहीं होने से कर्मचारी नालियों में खूब पानी बहाते हैं।
एक कोच की धुलाई में लगता है डेढ़ सौ लीटर पानी
ग्वालियर से चलने वाली सभी ट्रेनों में धुलाई के बाद पानी भी भरा जाता है। यार्ड में धुलने वाली ट्रेनों के एक कोच में लगभग डेढ़ सौ लीटर पानी लग जाता है। इसके बाद हर कोच के टॉयलेट के लिए लगभग 1800 लीटर पानी भरा भी जाता है।
अहमदाबाद और ताज बढ़ी
ग्वालियर से लगभग 11 ट्रेनें इन दिनों चल रही हैं। जिसमें अहमदाबाद और ताज एक्सप्रेस अभी कुछ माह पहले ही ग्वालियर से शुरू हुई है। इससे पहले ताज एक्सप्रेस झांसी से बनकर चलती थी और अहमदाबाद एक्सप्रेस आगरा से बनकर चलती थी। रेलवे अधिकारियों की माने तो इन ट्रेनों में धुलाई में ज्यादा पानी नहीं लगता है, लेकिन इसके टॉयलेट में पानी भरा जाता है। वहीं यार्ड में एक सफाई कर्मचारी का कहना था कि ट्रेनों में भी सफाइ करनी पड़ती है। इसमें पानी का भी इस्तेमाल होता है।
इन ट्रेनों का होता है संचालन
(ट्रेन और कोच)
– बुंदेलखंड एक्सप्रेस- 18
– चंबल एक्सप्रेस – 20
– रतलाम इंटरसिटी – 24
– बरौनी एक्सप्रेस – 21
– भोपाल इंटरसिटी – 11
– कोटा पैसेंजर – 11
– पूना ग्वालियर – 17
– ग्वालियर आगरा शटल – 12
– ग्वालियर भिंड – 10
– ताज एक्सप्रेस – 21
– अहमदाबाद एक्सप्रेस- 21
वॉटर हार्वोस्टिंग कराने का है आदेश
शहरों में पानी की कमी को देखते हुए कुछ समय पूर्व ही हाईकोर्ट ने सभी सरकारी कार्यालय में वॉटर हार्वोटिंग कराने का आदेश दिया था। अगर पानी की कमि से बचने रेलवे समय रहते वॉटर हार्वोस्टिंग करा ले तो लाखों गैलन पानी नालियों में बहने से बचाया जाता है।
री-साइकिल के लिए गड्डे करके छोड़े
रेलवे के यार्ड में जहां ट्रेनों की धुलाई होती है। उसके आसपास पानी के री-साइकिल के लिए रेलवे ने बड़े-बड़े गड्ढे तो किए, लेकिन उनका सही इस्तेमाल नहीं करने से यह गड्ढे अब तक अपना काम नहीं कर सके हैं।
इनका कहना है
ट्रेनों की धुलाई के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन यार्ड में काफी समय से री-साइकिल का काम किया जा रहा है। संभवत: दो से तीन महीने में री-साइकिल का काम पूरा कर लिया जाएगा। इससे पानी की बर्बादी भी नहीं हो सकेगी।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल

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