कल्याण, जीआरपी इंस्पेक्टर हरिओम डोले ने बताया शताब्दीपुरम से बुधवार को लापता बेटी वैष्णवी, वैशाली और बेटा आर्यन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर दोपहर को लावारिस हालत में बैठे थे। स्टेशन पर बंदोबस्त का काम चल रहा है इसलिए वहां कई बार जाना पड़ता है, तीनों बच्चे बेंच पर गुमसुम बैठे थे। उन पर नजर पड़ी तो कुछ देर उनको दूर से वॉच किया। आर्यन स्कूल ड्रेस में था तो आभास हो गया कि तीनों लोकल के रहने वाले नहीं हैं। इसलिए उन्हें बहला कर बातें कीं तो उनकी भाषा में अंतर था। पूछा कि कहां से आए तो तीनों एक दूसरे का चेहरा देखकर चुप हो गए, उन्हें हिम्मत बंधाई डरो मत हम तुम्हारे दोस्त हैं तो तीनों ने बताया कि ग्वालियर से आए हैं।
कहां जा रहे यह उन्हें नहीं पता था। आर्यन का स्कूल बैग खोलकर डायरी के पन्ने पलटे तो उसमें माता पिता का फोन नंबर और स्कूल का पता ग्वालियर लिखा था। उस पर वीडियो कॉल किया तो पता चला कि तीनों बच्चे लापता है, उनके माता पिता परेशान हैं। तीनों की माता पिता से बात कराई। परिजन से कहा कि उन्हें आकर ले जाओ। फिलहाल तीनों को उल्लास नगर के बाल संरक्षण केंद्र में भेज दिया है।यह है मामला
बच्चे मिलने से परिजन खुश
बच्चों के सही सलामत मिलने से प्रेमनारायण शर्मा और उनकी पत्नी स्नेहस की खुशी का ठिकाना नहीं है। दोनों ने वीडियो कॉल पर बच्चों से बात की तो मां बाप की शक्ल फोन पर देखकर बच्चे रो पड़े , बोले हमें यहां से ले चलो। बच्चों के मिलने की सूचना परिजन ने पुलिस को दी। अब महाराजपुरा पुलिस, परिजन को साथ लेकर कल्याण रवाना हो गई है।
वैष्णवी, वैशाली बुधवार सुबह भाई आर्यन को स्कूल छोडऩे के लिए घर से निकली थीं, लेकिन तीनों स्कूल नहीं पहुंचे। ऑटो से गोला का मंदिर आए वहां से दूसरा ऑटो कर स्टेशन पहुंचे फिर लापता हो गए। एक साथ तीन बच्चों के गायब होने पर महाराजपुरा पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया था। फुटेज से पुलिस तीनों को तलाश रही थी, लेकिन उनके बारे में उसे कोई क्लू नहीं मिला था।
पिता बोले कक्का से कहा ढूंढो
हनुमान मंदिर की रोज सफाई करता हूं, गुरुवार सुबह भी मंदिर की सफाई करने गया, वहां हनुमान कक्का से कहा कि मेरे तीनों बच्चों को अब तुम्हीं ढूंंढो। उनसे गुजारिश की शाम तक बच्चों का पता लगाओ, इसे आस्था कहूं या कुछ और लेकिन यही मानता हूं कि कक्का से जो विनती की वह पूरी हो गई शाम को कल्याण से पुलिस का फोन आ गया कि बच्चे सही सलामत है आकर ले जाओ।
बातों में यह अंतर
महाराजपुरा पुलिस का कहना था कि तीनों बच्चे रेलवे स्टेशन के फुटेज में प्लेटफॉर्म पर दिखे थे उस वक्त ग्वालियर से आगरा की तरफ जाने वाली मंगला, केरला एक्सप्रेस के आने का वक्त था। इसलिए उन टे्रन के हिसाब से आगरा, मथुरा, दिल्ली के स्टेशन पर फुटेज खंगाले कुछ समय पहले प्रेमनारायण का परिवार जयपुर भी गया था इसलिए जयपुर में भी बच्चों को तलाशा जा रहा था। बच्चों को तलाशने के लिए जीआरपी और आरपीएफ के वाट्सऐप ग्रुप पर उनके फोटो अपलोड किए थे। उधर कल्याण पुलिस का कहना है सोशल मीडिया पर बच्चों के फुटेज तो उन्हें नहीं मिले। तीनों को अकेला बैठा देखकर उनसे बात करने पर घटना पता चली।
बच्चों को लेने टीम रवाना
कल्याण से बच्चों को लाने के लिए पुलिस और उनके परिवार के सदस्य रवाना हो गए हैं। बच्चे वहां कैसे पहुंचे। वापस आने पर पता चलेगा। तीनों सही सलामत हैं इससे परिजन और पुलिस भी राहत में है।
रवि भदौरिया, सीएसपी महाराजपुरा