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तीन रूट निर्धारित होने के बाद भी कलैक्ट्रेट नहीं जाते एक भी टैंपो

locationग्वालियरPublished: Mar 09, 2020 11:13:26 am

Submitted by:

Dharmendra Trivedi

-तीन साल से जारी हो रहे निर्देश

After three routes have been determined, Collecto does not go to a single tempo.

After three routes have been determined, Collecto does not go to a single tempo.

ग्वालियर। जिले के चारों विकासखंड से हर दिन 2 से 3 हजार लोग कलैक्ट्रेट आते हैं। जनसुनवाई वाले दिन इस संख्या में 500 लोगों की बढ़ोतरी और हो जाती है। कलैक्ट्रेट तक आवागमन को सुलभ करने के लिए तीन रूट निर्धारित हैं, लेकिन अभी तक एक भी टैंपो कलैक्ट्रेट पहाड़ी तक नहीं पहुंचाया जा सका है। यह तब है जबकि चार कलेक्टर आरटीओ और यातायात विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं।


रियलिटी चेक में ऐसी दिखी स्थिति

-यूनिवर्सिटी चौराहा से 9 नंबर टैंपो के चालक से कलेक्ट्रेट पहाड़ी तक चलने के लिए पूछा तो उसने अलकापुरी तिराहा उतरकर वहां से ऑटो करने की सलाह दी। पांच रुपए में अलकापुरी तिराहा छोड़ दिया।


-कंपू से मुरार जाने वलो टैंपो में बैठने के बाद चालक से कलेक्ट्रेट जाने के लिए बोला तो उसने अलकापुरी तिराहा तक ही टैंपो जाने की बात बताई। किराया पांच रुपए लिया।

 

-राजमाता विजयाराजे सिंधिया चौराहे पर ऑटो चालक से कलेक्ट्रेट पहाड़ी तक चलने के लिए पूछा तो उसने 30 रुपए किराया बताया।


-अलकापुरी तिराहे से कलेक्ट्रेट पहाड़ी तक जाने के लिए ऑटो चालक से बात की तो शेयरिंग की कहने के बाद भी 10 रुपए मांगे और अकेले जाने की कहने पर तिराहे पर खड़े तीन ऑटो चालकों में कोई भी 20 रुपए से कम लेने को तैयार नहीं हुए।

 

इन रुटों से निकलने थे टैंपो


-कंपू से राजमाता चौराहा,अलकापुरी तिराहा, कलैक्ट्रेट, सिरोल, हुरावली, बारादरी

 

-आईटीएम यूनिवर्सिटी से झांसी रोड होकर अलकापुरी कलैक्ट्रेट होकर सिरोल,बारादरी से एसएलपी कॉलेज तक


-आईटीएम से नाका चंद्रबदनी, विवेकानंद नीडम, पंजीयन कार्यालय, कलेक्ट्रेट के पीछे से डोंगरपुर हुरावली होकर बारादरी

 

तीन कलेक्टरों के निर्देश बेकार


कलेक्टर डॉ संजय गोयल ने चार साल पहले आरटीओ को कलैक्ट्रेट के रूट पर निर्धारित टैंपो को नियमित संचालन कराने के लिए निर्देशित किया था। इसके बाद कलेक्टर राहुल जैन ने भी कुछ महिलाओं द्वारा जनसुनवाई में आवागमन की परेशानी बताने के बाद ट्रैफिक डीएसपी, आरटीओ को सख्ती से टैंपो संचालन पर ध्यान देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर भरत यादव ने टैंपो को कलैक्ट्रेट तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक भी निर्देश काम नहीं आया। हर बार राजनीतिक दबाव आम जन की परेशानी से ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हुआ।

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